Manisha Dhanwani
10 Nov 2025
नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज की 19 वर्षीय छात्रा स्नेहा देबनाथ का शव रविवार शाम यमुना नदी से बरामद किया गया। त्रिपुरा के सबरूम की रहने वाली स्नेहा 7 जुलाई से लापता थी। उसकी आखिरी लोकेशन मजनू का टीला स्थित सिग्नेचर ब्रिज पर मिली थी।
पुलिस को उसके कमरे से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने लिखा था कि वह खुद को नाकाम और बोझ समझती है और सिग्नेचर ब्रिज से कूदकर जान देने का फैसला किया है।
स्नेहा देबनाथ दिल्ली में पढ़ाई के लिए अपने माता-पिता और बड़ी बहन के साथ साउथ दिल्ली के महरौली स्थित पर्यावरण कॉम्प्लेक्स में रह रही थी। वह आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज में बीएससी की छात्रा थी। उसका परिवार दिल्ली सिर्फ इसलिए शिफ्ट हुआ था ताकि बेटियों को उच्च शिक्षा मिल सके। लेकिन यह सपना कुछ ही सालों में टूट गया।
7 जुलाई की सुबह 5:56 बजे स्नेहा ने अपनी मां को फोन कर कहा था कि वह अपनी दोस्त से मिलने सराय रोहिल्ला स्टेशन जा रही है। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया। जब परिवार ने उसकी दोस्त से संपर्क किया तो पता चला कि वह वहां पहुंची ही नहीं।
पुलिस जांच में सामने आया कि एक कैब ड्राइवर ने उसे सिग्नेचर ब्रिज तक छोड़ा था। कुछ स्थानीय लोगों ने भी पुष्टि की कि उन्होंने एक लड़की को पुल पर अकेले खड़ा देखा था। इसी आधार पर NDRF और पुलिस ने यमुना में खोज शुरू की और आखिरकार रविवार शाम गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के पास उसका शव बरामद हुआ।
महरौली स्थित उसके कमरे से एक हाथ से लिखा सुसाइड नोट मिला, जिसमें स्नेहा ने लिखा- “मैं खुद को नाकाम और बोझ समझती हूं। अब इस तरह जीना मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। मैंने सिग्नेचर ब्रिज से कूदकर जान देने का फैसला किया है। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है, यह मेरा खुद का फैसला है।”
स्नेहा के करीबी दोस्तों के मुताबिक, वह पिछले कुछ महीनों से मानसिक तनाव में थी। 7 जुलाई की सुबह उसने कुछ दोस्तों को ईमेल और मैसेज भेजे थे, जिसमें संकेत दिए थे कि वह खुद को लेकर निराश है। उसकी इस मनःस्थिति की जानकारी परिवार को भी नहीं थी।
स्नेहा के पिता प्रितीश देबनाथ भारतीय सेना से सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर हैं और क्रोनिक किडनी फेल्योर से जूझ रहे हैं। परिवार दिल्ली के साकेत इलाके में किराए के फ्लैट में रह रहा था और बेटियों की पढ़ाई पूरी होने के बाद त्रिपुरा लौटने की योजना थी। बेटी की मौत के बाद पिता पूरी तरह टूट चुके हैं और मीडिया से बात करने की स्थिति में नहीं हैं।
स्नेहा के परिजनों और रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि जिस सिग्नेचर ब्रिज से स्नेहा ने कूदने की बात कही थी, वहां कोई CCTV कैमरा चालू नहीं था। उन्होंने सवाल उठाया कि इस पुल पर पहले भी आत्महत्या की घटनाएं हो चुकी हैं, इसके बावजूद प्रशासन ने कोई पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था नहीं की। परिजन का कहना है कि यह सिर्फ स्नेहा की नहीं, बल्कि दिल्ली आने वाले हर छात्र और नागरिक की सुरक्षा का सवाल है।
इस पूरे मामले में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस और NDRF ने स्नेहा की खोज तेज की थी। 6 दिनों की तलाश के बाद आखिरकार स्नेहा का शव यमुना से बरामद हुआ।