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दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में नशीली दवाओं के कारोबार का बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने एक इंजीनियर वैभव खंडेलवाल की गिरफ्तारी के बाद उसके तीन और साथियों को गिरफ्तार किया है। ये तीनों आरोपी वैभव की फर्जी कंपनी में पार्टनर के रूप में काम करते थे और नशे की दवाओं के कारोबार में उसकी मदद करते थे। पुलिस ने इनके पास से भी नशीली दवाएं बरामद की हैं।
दरअसल, दुर्ग के पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने 16 सितंबर को इंजीनियर वैभव खंडेलवाल को बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं के साथ गिरफ्तार किया था। उसके पास से अलग-अलग ब्रांड की 17,208 गोलियां और 12 सिरप जब्त किए गए थे। पूछताछ में वैभव ने अपने साथियों के नाम बताए।
पुलिस ने वैभव के बयान के बाद साथियों की तलाश शुरू कर दी। इसी दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि वैभव के साथी कुणाल यादव, वासु सिंह राजपूत और अब्दुल अलीम पोटिया रोड स्थित एक रेस्टोरेंट के पास संदिग्ध हालत में मौजूद हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तीनों को दबोचा। तलाशी लेने पर इनके पास से भी नशीली दवाएं मिलीं। कुणाल यादव से अल्प्रजोलम की 10 गोली, वासु सिंह राजपूत से 20 गोली और अब्दुल अलीम से 15 गोली बरामद हुई।
पुलिस के अनुसार ये तीनों आरोपी वैभव की फर्जी कंपनी में पार्टनर थे और उनके काम बंटे हुए थे। वे बड़ी कंपनियों से डील करते थे। दवाओं का ऑर्डर देते थे और ग्राहकों को खोजकर उन्हें नशीली दवाएं बेचते थे। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के वक्त भी ये लोग ग्राहक की तलाश में थे।
पद्मनाभपुर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है और उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। पुलिस अब पूछताछ कर इस रैकेट के अन्य सदस्यों और इनके नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है। दुर्ग एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि जांच में और भी नाम सामने आ सकते हैं।