Garima Vishwakarma
4 Dec 2025
Manisha Dhanwani
4 Dec 2025
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को SIR से जुड़े मामले में बड़ा फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य सरकारों या राज्य चुनाव आयोगों की तरफ से नियुक्त कर्मचारियों को विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की ड्यूटी निभानी होगी। वहीं अगर किसी कर्मचारी के पास ड्यूटी से छूट मांगने का कोई खास कारण है, तो राज्य सरकार उनकी अपील पर विचार करके उनकी जगह दूसरे स्टॉफ को नौकरी पर भेज सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारी SIR सहित दूसरे वैधानिक कामों को करने के लिए बाध्य हैं। कोर्ट ने आगे कहा कि अगर SIR काम में लगे बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) के पास काम ज्यादा है, तो राज्यों को और ज्यादा स्टाफ को ड्यूटी पर नियुक्त करना चाहिए। इसाक कारण बताते हुए बेंच ने कहा कि इससे BLO के काम के घंटे कम करने में मदद मिलेगी और पहले से ही नियमित काम के अलावा SIR कर रहे अधिकारियों पर दबाव कम होगा।
शीर्ष अदालत ने आज यह टिप्पणी साउथ एक्टर विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) की एक याचिका के दौरान की। दरअसल TVK की याचिका में कोर्ट से निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने का निवेदन किया था कि वह समय पर काम पूरा नहीं करने वाले BLO के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई न करे।