Aakash Waghmare
14 Oct 2025
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Shivani Gupta
14 Oct 2025
Priyanshi Soni
14 Oct 2025
Mithilesh Yadav
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पल्लवी वाघेला
भोपाल। किसी के प्रति झुकाव, आमतौर पर, परिजन की डांट या पढ़ाई का डर जैसे कारण से बच्चे घर छोड़ते हैं, लेकिन 14 वर्षीय किशोर ने आध्यात्मिक गुरु और महागुरु बनने की चाह में घर छोड़ दिया। बच्चे ने बताया कि कुंभ स्नान के लिए जनवरी में प्रयागराज गया था, उसके बाद से ही मन में यह आस जग गई थी। वह आष्टा जिले का रहने वाला है और प्रयागराज जाने के लिए घर से निकला था। इसी बीच उसे भोपाल में रेस्क्यू किया गया। काउंसलिंग में बच्चे ने बताया कि वह बीते कई दिनों से यूट्यूब पर अध्यात्म संबंधी वीडियो देखकर ट्रेनिंग ले रहा था। किशोर को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है।
किशोर ने काउंसलिंग में बताया कि वह योग में प्रशिक्षित है और इसलिए उसने सोचा था कि वह पहले जाकर योग सिखाना शुरू करेगा। इसके साथ ही वह यूट्यूब से सीखे अपने आध्यात्मिक ज्ञान को भी वहां जाकर आगे बढ़ाता और धीरे-धीरे आध्यात्मिक गुरु के रूप में अपनी पहचान बना लेता। किशोर ने बताया कि कुंभ के दौरान जनवरी में वह प्रयागराज गया था। यहां उसने महसूस किया कि संन्यासी और आध्यात्मिक गुरुओं की बहुत पूछ-परख है। वह पहले से सोशल मीडिया पर महागुरुओं की रील्स देखकर प्रभावित था। उसने कहा कि बागेश्वर बाबा और कुबेरेश्वर धाम के महाराज को लोग कितना मानते हैं, वो भी कुछ ऐसा ही बनना और करना चाहता है। उसे लगा कि प्रयागराज ही वह स्थान है जहां वह इस सपने को पूरा कर सकता है।
संत या पुजारी बनने की चाह में घर छोड़कर निकले आठ बच्चों को पिछले साल भोपाल जिले में रेस्क्यू किया गया था। यह सभी सोशल मीडिया पर धार्मिक रील्स और स्थल देखकर प्रभावित थे। मनोवैज्ञानिक एवं कॅरियर काउंसलर दिव्या दुबे मिश्रा ने कहा जब बच्चे सोशल मीडिया से इंफ्लूएंस होते हैं तो इमोशनल, कम्युनिकेशन और सोशल इंटेलिजेंस काफी कम हो जाता है। वह अपनी आभासी दुनिया में जीने लगते हैं। इन दिनों संत महात्मा और एस्ट्रोलॉजर्स आदि की रील्स बेहद वायरल हो रही हैं। इसी के चलते बच्चे इस तरह का कदम उठा रहे हैं।