Naresh Bhagoria
15 Dec 2025
नई दिल्ली। यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एलविश यादव को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता को नोटिस जारी किया है। यह मामला कथित रूप से एक रेव पार्टी में सांप के जहर और अन्य मादक पदार्थों के इस्तेमाल से जुड़ा है, जिसमें एलविश यादव का नाम सामने आया था।
एलविश यादव पर आरोप है कि उन्होंने एक रेव पार्टी में हिस्सा लिया था, जहां विदेशियों और अन्य मेहमानों ने नशे के रूप में सांप का जहर (स्नेक वेनम) और अन्य ड्रग्स का सेवन किया था। यह मामला 2023 के मार्च में नोएडा में सामने आया था, जब पुलिस ने यादव को इस मामले में गिरफ्तार किया था। आरोपपत्र में कहा गया है कि पार्टी में प्रतिबंधित और खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल किया गया, जो वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत भी गंभीर अपराध है।
इससे पहले मई 2025 में एलविश यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ समन और चार्जशीट को रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ न कोई पुख्ता सबूत है और न ही उनसे कोई प्रतिबंधित वस्तु बरामद हुई है। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि मामले में पूरी तरह कानूनी जांच की आवश्यकता है।
अब सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एम एम दरेश और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि तब तक एलविश यादव के खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही पर रोक रहेगी।
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एलविश यादव के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि न तो उनके मुवक्किल से कोई सांप बरामद हुआ है और न ही कोई मादक पदार्थ। इसके अलावा, उनका सह-आरोपियों से कोई संबंध भी स्थापित नहीं हुआ है। वकील ने यह भी सवाल उठाया कि शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता पशु कल्याण अधिकारी नहीं हैं, फिर भी उन्होंने खुद को अधिकारी बताते हुए एफआईआर दर्ज कराई।
वकील ने यह भी कहा कि एलविश यादव एक प्रसिद्ध सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं जो कई रियलिटी शोज में हिस्सा ले चुके हैं। ऐसे में इस मामले में उनका नाम सामने आने से उनकी सार्वजनिक छवि और करियर पर बुरा असर पड़ा है।