Peoples Reporter
18 Oct 2025
Mithilesh Yadav
17 Oct 2025
Shivani Gupta
16 Oct 2025
Priyanshi Soni
16 Oct 2025
अशोकनगर जिले के चंदेरी में फिल्म और वेब सीरीज की लगातार शूटिंग हो रही हैं। यहां पर स्त्री-2, लड़की पटी दुर्घटना घटी जैसी फिल्मों के साथ ही हजामत, महारानी जैसी वेब सीरीज सहित कई प्रोजेक्ट्स की शूटिंग हो चुकी है। अब पर्यटन विभाग ने चंदेरी के युवाओं को रंगमंच से जोड़ने का प्रयास किया है। दरअसल, पर्यटन विभाग ने महान कलाकारों को सम्मान देने के लिए एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत 50 दिन तक वर्कशॉप आयोजित कर चंदेरी के युवक- युवतियों को थिएटर की ट्रेनिंग दी गई और चंदेरी के ही प्रसिद्ध संगीतकार ‘बैजू बावरा’ पर आधारित नाटक तैयार किया।
प्रशिक्षण के बाद बुधवार को इन कलाकारों ने ट्राइबल म्यूजियम में पहली नाट्य प्रस्तुति दी। इसमें अभिनय करने वाले आर्टिस्ट्स में कोई स्वीपर था, तो कोई बुनकर परिवार से आता है, जो परिवार के काम में हाथ बंटाता था। इस नाटक के लिए किसी ने अपना काम छोड़ दिया तो किसी ने पढ़ाई को कोचिंग के जरिए मैनेज किया।
वर्कशॉप के संयोजक डॉ. आलोक चौबे ने बताया कि वर्कशॉप में चंदेरी के 70 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें से नाटक के लिए 26 युवाओं का चयन किया गया। नाटक नदीम खान ने लिखा और उन्होंने नंदकिशोर पंत के साथ इसका निर्देशन किया।
मैं चंदेरी का रहने वाला हूं और दिल्ली में कपड़े की एक दुकान पर काम करता था और मेरी मां बीड़ी बनाने का काम करती है। कुछ समय पहले मैं चंदेरी आया तो पता चला कि यहां पर थिएटर वर्कशॉप होने वाली है और मैं वर्कशॉप से जुड़ कर थिएटर की ट्रेनिंग लेने लगा। इसके बाद दिल्ली वापस नहीं गया और दुकान की नौकरी छोड़ दी। अब थिएटर से जुड़ने के बाद मुझे काफी अच्छा लग रहा है। अब इनकम के लिए चंदेरी में ही कोई काम करूंगा। साथ में थिएटर से भी जुड़कर रहना है और एक्टिंग करना है। - अमर चौधरी, दैनिक वेतनभोगी
मैं बुनकर परिवार से आता हूं। साड़ी बेचने के लिए बाहर जाना होता है, जिस दिन वर्कशॉप शुरू होनी थी उसी दिन मुझे हैदराबाद जाना था। यह बात पैरेंट्स को बताई तो उन्होंने फैसला मुझ पर छोड़ दिया। मैंने हैदराबाद का टिकट कैंसिल करा दिया और वर्कशॉप में हिस्सा लेने लगा। - सचिन कोली, बुनकर
मैं लोअर फैमिली से आता है और स्वीपर का काम करता हूं। डांस और एक्टिंग का शौक है तो डांस से भी जुड़ा हूं। वर्कशॉप में आने के बाद मुझे काम भी मैनेज करना था तो सुबह का काम दोपहर बाद करता हूं। इस नाटक में मैंने अकबर का किरदार निभाया। - राहुल घावरी, स्वीपर
मैं किसान परिवार से आती हूं और इस समय 10वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही हूं। दोपहर में वर्कशॉप में हिस्सा लेने के लिए सुबह स्कूल जाती थी। भोपाल आने का घर वालों को बताया तो उन्होंने कहा, भाई को भी अपने साथ लेकर जाओ। इसलिए भाई भी साथ आया है। - परी परमार, स्टूडेंट
मैं इस साल 9वीं कक्षा में हूं और पिता इलेक्ट्रीशियन हैं। मुझे डांस करने का शौक है तो डांस क्लास भी जाती हूं। थिएटर वर्कशॉप के बारे में पता चला तो इसमें हिस्सा लेने लगी। थिएटर के साथ पढ़ाई मैनेज करने के लिए कोचिंग का सहारा ले रही हूं। - निशा कुशवाह, स्टूडेंट