Naresh Bhagoria
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सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से एक अनोखा और भावनात्मक दृश्य सामने आया, जिसने हर किसी का दिल छू लिया। जिले की कलेक्टर संस्कृति जैन का तबादला भोपाल हो गया है। इस मौके पर जब उनका विदाई समारोह आयोजित किया गया, तो कर्मचारियों और अधिकारियों ने उन्हें पालकी में बैठाकर राजसी अंदाज में विदा किया।
विदाई का यह पल इतना भावुक था कि न केवल संस्कृति जैन खुद की आंखें नम हो गईं, बल्कि वहां मौजूद लोग भी अपने आंसू रोक नहीं पाए।
विदाई के दौरान जब संस्कृति जैन अपने दोनों बेटियों के साथ पालकी में बैठीं, तो बैकग्राउंड में गीत बज रहा था- 'पालकी में होके सवार चली रे, मैं तो अपने साजन के द्वार चली रे...' इस गीत ने पूरे माहौल को भावनाओं से भर दिया। कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने पालकी को कंधे पर उठाकर जुलूस की तरह आगे बढ़ाया। यह दृश्य किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था और अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
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संस्कृति जैन ने सिवनी में अपने कार्यकाल के दौरान कई नवाचार किए, जिनमें सबसे चर्चित रही उनकी मुहिम ‘वन गिफ्ट ए डे’। इस पहल के तहत उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे स्कूलों में बच्चों के लिए रोज़ कोई एक वस्तु उपहार में दें। इस मुहिम से जिले के अधिकांश सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए टेबल और कुर्सियों की व्यवस्था हो गई। इस अभियान में स्थानीय दानदाताओं, संगठनों और नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस वजह से संस्कृति जैन को सिवनी में एक संवेदनशील और प्रभावी प्रशासनिक अधिकारी के रूप में जाना जाने लगा।
राज्य शासन ने हाल ही में जारी आदेश में संस्कृति जैन का तबादला कर उन्हें आयुक्त, नगर पालिक निगम भोपाल बनाया है। सिवनी के कर्मचारियों और अधिकारियों ने इस तबादले को “गौरव और भावनाओं का क्षण” बताया। उनका कहना था कि संस्कृति जैन ने जिले में शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और प्रशासनिक पारदर्शिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
केवल सिवनी ही नहीं, रीवा जिले में भी एक अनोखी विदाई का दृश्य देखने को मिला। यहां एसडीएम वैशाली जैन का रतलाम ट्रांसफर हुआ। अधिवक्ताओं ने उनके सम्मान में एक समारोह आयोजित कर उन्हें लड्डुओं से तौलने की तैयारी की। हालांकि एसडीएम वैशाली जैन ने विनम्रता दिखाते हुए तराजू पर बैठने से इनकार किया और वकीलों को प्रणाम कर आभार जताया। अधिवक्ताओं ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार आया।
हाल ही में हुए तबादलों के बाद मध्य प्रदेश में 55 में से 17 जिलों में महिला कलेक्टरों ने जिम्मेदारी संभाली है। इनमें उषा परमार (पन्ना), रजनी सिंह (नरसिंहपुर), नीतू माथुर (अलीराजपुर), अंजू पवन भदौरिया (डिंडौरी), जमुना भिडे (निवाड़ी), मिशा सिंह (रतलाम), शीतला पटले (सिवनी), सोनिया मीना (नर्मदापुरम), रानी बाटड (मैहर), प्रतिभा पाल (रीवा), रुचिका चौहान (ग्वालियर), अदिति गर्ग (मंदसौर), प्रीति यादव (आगर मालवा), ऋजु बाफना (शाजापुर), जयति सिंह (बड़वानी), भव्या मित्तल (खरगोन) और नेहा मीना (झाबुआ) शामिल हैं। यह आंकड़ा बताता है कि प्रदेश में अब महिला नेतृत्व प्रशासनिक पटल पर और अधिक सशक्त रूप से उभर रहा है।