Mithilesh Yadav
12 Oct 2025
श्योपुर। राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के रणथंभौर अभयारण्य में मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क की मादा चीता ‘ज्वाला’ के पहुंचने से वन विभाग और ग्रामीणों में हलचल मच गई। रेडियो कॉलर की मदद से लोकेशन ट्रैक करते हुए कूनो की रेस्क्यू टीम ने उसे ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित वाहन से वापस कूनो ले जाया।
ज्वाला की रणथंभौर एंट्री से पहले ही चिंता बढ़ गई थी, क्योंकि वह एक दिन पहले मानपुर और काशीपुर (मध्यप्रदेश) में देखी गई थी और धीरे-धीरे राजस्थान की सीमा में प्रवेश कर गई थी।
जानकारी के अनुसार, फतेहपुर गांव में गोवंश का शिकार करने के बाद ज्वाला सीप नदी पार कर बगदियां चंबल किनारे पहुंची। इसके बाद मंगलवार सुबह बहरावंडा कलां थाना क्षेत्र के करीरा गांव में उसने दो बकरियों का शिकार कर लिया। इस दौरान वह बकरियों के बाड़े के पास ही मौजूद रही, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। मौके पर पहुंची कूनो अभयारण्य की ट्रैकिंग टीम और राजस्थान वन विभाग की टीम ने स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखी।
करीरा गांव में बकरी को बचाने की कोशिश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इसमें एक तरफ चीता बकरी को खींच रहा था, तो दूसरी ओर वन विभाग की टीम उसे छुड़ाने की कोशिश कर रही थी। यह खींचतान का दृश्य कैमरे में कैद हो गया और चर्चा का विषय बन गया। बकरी की अंतिम स्थिति को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी।
ज्वाला के राजस्थान पहुंचने की सूचना पर मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों राज्यों की वन्यजीव टीमें अलर्ट पर थीं। उसकी मूवमेंट पर सुरक्षा कैमरों और रेडियो कॉलर से 24 घंटे निगरानी रखी जा रही थी। वन विभाग ने चेताया था कि रणथंभौर में पहले से मौजूद बाघों के साथ आमना-सामना होने की स्थिति में खतरा बढ़ सकता है।
सीसीएफ उत्तम शर्मा के मुताबिक, ज्वाला का यह मूवमेंट नए क्षेत्र और पर्याप्त शिकार की तलाश का परिणाम हो सकता है। जंगली जीव अक्सर अपने पुराने इलाके से बाहर निकलकर उन जगहों की ओर बढ़ते हैं जहां उन्हें अनुकूल वातावरण और पर्याप्त भोजन मिल सके।