People's Reporter
5 Nov 2025
भोपाल। राजधानी भोपाल के न्यू मार्केट इलाके में रक्षाबंधन से पहले शुक्रवार को संस्कृति बचाओ मंच द्वारा विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान महिलाओं और युवतियों से अपील की गई कि वे रक्षाबंधन के पावन पर्व पर रक्षा सूत्र केवल सनातन धर्म के अनुयायी भाइयों को ही बांधें। मंच के अनुसार, यह पहल बहनों की सुरक्षा को लेकर की गई है ताकि किसी भी प्रकार की आपराधिक या ‘जिहादी घटना’ की संभावना से बचा जा सके।
इस अभियान का नेतृत्व संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने किया। उन्होंने अपनी टीम के साथ न्यू मार्केट में राखी की दुकानों पर जाकर महिलाओं को जागरूक किया। तिवारी ने कहा, दिल्ली में एक युवती ने एक मुस्लिम युवक को राखी बांधकर भाई बनाया, लेकिन कुछ ही समय बाद उस युवक ने उसकी हत्या कर दी। रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्व पर ऐसी घटनाएं बेहद चिंता का विषय हैं और हमें सजग रहना होगा।
मंच के कार्यकर्ताओं ने राखी की दुकानों पर जाकर यह अपील की कि महिलाएं उन्हीं दुकानों से राखी खरीदें जहां सनातनी प्रतीक स्पष्ट रूप से दिखाई दें- जैसे भगवान की तस्वीर, दुकान में पूजा की व्यवस्था या दुकानदार द्वारा तिलक लगाना।
चंद्रशेखर तिवारी ने कहा, “दुकानदार अगर ‘तिलक’ नहीं लगाए या उसकी दुकान पर सनातनी प्रतीक न हों, तो वहां से राखी न लें। आपका अब्दुल भी वही निकलेगा जो दूसरों का निकला था।”
इस दौरान लव जिहाद के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया गया। चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि देशभर में लव जिहाद की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिनमें मुस्लिम युवक हिंदू नाम अपनाकर लड़कियों को फंसाते हैं और फिर उनके साथ अपराध करते हैं।
उन्होंने आगाह करते हुए कहा, “रक्षाबंधन पर किसी अब्दुल को भाई बना लेना आपके जीवन के लिए खतरा बन सकता है। राखी केवल उसी की कलाई पर बांधिए जो आपके धर्म, संस्कृति और सुरक्षा का सम्मान करता हो।”
अभियान के दौरान तिवारी ने विशेष रूप से उस दिल्ली कांड का उल्लेख किया जिसमें एक मुस्लिम युवक ने अपनी राखी बहन की कथित रूप से हत्या कर दी थी। आरोपी ने युवती को छह मंजिला इमारत से नीचे फेंका था। यह मामला अब तक सुर्खियों में है और इसे अभियान का आधार बनाया गया।
संस्कृति बचाओ मंच की ओर से महिलाओं के बीच पम्पलेट भी बांटे गए। इनमें यह अपील की गई थी कि राखी जैसे पवित्र पर्व की गरिमा और सुरक्षा बनाए रखने के लिए केवल सनातन धर्म के भाइयों को ही रक्षा सूत्र बांधा जाए।