Shivani Gupta
24 Dec 2025
शंघाई। चीन के किंगदाओ शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद, कट्टरपंथ और सीमा पार हमलों के खिलाफ भारत की कड़ी नीति को मजबूती से रखा। उन्होंने साफ कहा कि, भारत अब सिर्फ बयान नहीं देता, बल्कि एक्शन करता है। उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए पाकिस्तान पर कड़ा निशाना साधा और भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र किया।
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में बताया कि कैसे 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाकर हमला किया। उन्होंने कहा कि यह हमला भारत की धार्मिक विविधता को तोड़ने की साजिश थी। उन्होंने बताया कि 7 मई को भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, जिसमें आतंकियों के ठिकानों को सीमा पार निशाना बनाया गया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में अपनाए हुए हैं और आतंकियों को शरण देते हैं। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि ऐसे देशों को अब यह समझना होगा कि आतंकवादियों के लिए कोई सेफ जोन नहीं बचा है। साथ ही उन्होंने SCO से आग्रह किया कि वह इन देशों की आलोचना करने में संकोच न करे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति केवल बातों में नहीं, बल्कि एक्शन में दिखती है। उन्होंने जोर दिया कि भारत ने साबित कर दिया है कि आतंकवाद के अड्डे अब सुरक्षित नहीं हैं और देश अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
राजनाथ सिंह ने SCO से अपील की कि कट्टरपंथ के फैलाव को रोकने के लिए सदस्य देश मिलकर काम करें। उन्होंने बताया कि भारत की अध्यक्षता के दौरान ‘रैडिकलाइजेशन’ पर एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया था, जो इस दिशा में एक मजबूत कदम है।
उन्होंने चेताया कि ड्रोन, साइबर हमले और हाइब्रिड वॉर जैसे खतरे पारंपरिक सीमाओं को पार कर चुके हैं। अब समय है कि SCO सदस्य देश मिलकर इन तकनीकों का उपयोग करने वाले आतंकियों से मुकाबला करें।
भारत के रक्षा मंत्री ने कहा कि वैश्विक शांति के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने भारतीय दर्शन ‘सर्वे जन सुखिनो भवन्तु’ का हवाला देते हुए कहा कि भारत समूचे विश्व की शांति और समृद्धि की बात करता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि SCO जैसे संगठनों को केवल औपचारिक मंच न बनकर, निर्णायक कार्रवाई करने वाला संगठन बनना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि SCO पारदर्शिता, विश्वास और साझा सुरक्षा के सिद्धांतों पर कार्य करे।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक क्षेत्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान ने मिलकर की थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके सदस्य बने और ईरान ने 2023 में सदस्यता प्राप्त की। संगठन का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक रणनीति बनाना है।