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संसद सदस्यता बचाने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे राहुल गांधी, दायर की याचिका

सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा दी है। जिसके बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। अब अपनी संसद सदस्यता बचाने के लिए राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। सदस्यता खत्म करने के प्रावधान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। दरअसल, कोर्ट ने मानहानि मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था।

साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2013 में फैसला सुनाया था कि, अगर किसी सांसद या विधायर को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा होती है तो, ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी। इसके अलावा सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, अगर सजा के खिलाफ प्रतिनिधि ऊपरी अदालत में अपील करता है तो यह नियम लागू नहीं होगा।

राहुल गांधी को 2 साल की सजा

राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी से जुड़े मानहानि केस में सूरत कोर्ट ने गुरुवार (23 मार्च) को फैसला सुनाया था।कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को दोषी करार करते हुए उन्हें 2 साल की सजा सुनाई। जिसके तुरंत बाद उन्हें 30 दिन की जमानत भी मिल गई। राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा कि- ‘बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी।’ कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।

सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा कि- मेरा इरादा गलत नहीं था। ”मैंने जो बोला, वो राजनेता के तौर पर बोला। मैं हमेशा देश में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाता रहा हूं।” सुनवाई के दौरान राहुल के वकील ने जज से अपील की थी कि, उनके बयान से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। ऐसे में इस मामले में कम से कम सजा सुनाई जाए। वहीं शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने इस मामले में अधिकतम सजा और जुर्माने की मांग की थी।

राहुल धारा 500 के तहत दोषी करार

इस केस में राहुल को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है। राहुल को कोर्ट ने तुरंत राहत देते हुए 30 दिन की जमानद दे दी। इसके साथ ही कोर्ट ने राहुल को इसी समय में ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करने का वक्त दिया। वे इस दौरान परमानेंट बेल के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

क्या है पूरा मामला

राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान ये बयान दिया था। 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि- नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?

राहुल के इस बयान को पूरे मोदी समाज का अपमान बताते हुए बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे।

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