Mithilesh Yadav
27 Nov 2025
Shivani Gupta
27 Nov 2025
Naresh Bhagoria
27 Nov 2025
संतोष चौधरी, भोपाल। मप्र में अगले साल टाइगर सेंसस होने जा रही है। ऐसे में वन विभाग को बाघों के साथ तेंदुए की भी फिक्र है। यही कारण है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों के साथ तेंदुओं को कैनाइन डिस्टेम्पर वायरस (सीडीवी) और अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए पार्क के आसपास के स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू किया गया है।
जानकारी के अनुसार, सीडीवी गंभीर वायरल संक्रमण है जो कुत्तों, फेरेट्स, रैकून और लोमड़ी जैसे मांसाहारी जानवरों को प्रभावित करती है। यह श्वसन, जठरांत्र और तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। यह बीमारी टीकाकरण के माध्यम से रोकी जा सकती है। यह मनुष्यों को प्रभावित नहीं करती है। सीडीवी सीधे संपर्क से फैलता है, जैसे संक्रमित जानवरों से हवा में निकली बूंदों के माध्यम से।
ल्ल बताया गया कि टीकाकरण को लेकर पहले केवल सीडीवी और रेबीज पर ध्यान था, लेकिन इस बार अभियान में डिस्टेम्पर, पार्वो, एडेनो वायरस, लेप्टोस्पायरोसिस, रेबीज सहित कुल 7 बीमारियां शामिल की गई हैं।
सीडीवी के प्रसार को रोकने के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों के स्ट्रीट डॉग्स का टीकाकरण किया जा रहा है। ये टीके आठ बीमारियों से संबंधित है। इसके तहत 85 गांव के 2,300 कुत्तों को ये टीके लगाए जा रहे हैं। अभी 27 गांव चुने गए हैं।
डॉ. संजीव गुप्ता, चिकित्सक, पन्ना टाइगर रिजर्व