Mithilesh Yadav
6 Oct 2025
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन पर चार नई बैटरी कारें चलाने के फैसले के खिलाफ कुलियों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। उनका आरोप है कि निजी कंपनी को यह काम देने से उनकी रोजी-रोटी छिन जाएगी, जो पहले ही मुश्किल से चल रही है।
बता दें कि, रायपुर रेलवे स्टेशन पर कुली अपने परिवार के साथ रेलवे के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं, जिसके तहत त्योहारों के सीजन में चार नई बैटरी कारें चलाई जानी हैं। दो गाड़ियां स्टेशन पर पहुंचते ही विरोध तेज हो गया। कुलियों का कहना है कि लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी सुविधाओं के कारण उनका 80% काम पहले ही कम हो चुका है। स्टेशन पर मौजूद 105 कुलियों को मुश्किल से रोज 200 से 300 की दिहाड़ी मिल पाती है। उनका कहना है कि निजी कंपनी को काम देकर रेलवे उनकी रोजी-रोटी पर डाका डाल रहा है।
दरअसल, रेलवे एक निजी कंपनी के साथ समझौते में चार नई कारें चला रहा है। जिनका किराया रुपए 70 है। जबकि कुली 100 रुपए लेते हैं। कुलियों का आरोप है कि ये नई गाड़ियां (पहले से चल रही दो नि:शुल्क कारों के अलावा) उनकी बची-खुची दिहाड़ी को खत्म कर देंगी। वहीं उन्होंने बताया कि अधिकारियों से तीन बार की बातचीत विफल रही। पहले DRM ने आश्वासन दिया, लेकिन सीनियर DCM ने सर्विस रोकने से मना कर दिया और दो दिन में जवाब देने का वादा भी पूरा नहीं किया जिससे कुली भड़के हुए हैं।
अब दुर्ग और रायपुर के कुलियों ने अपने परिवार के साथ प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो बिलासपुर जोन के सभी स्टेशनों के कुली और अखिल भारतीय कुली यूनियन के सहयोग से दिल्ली और अन्य राज्यों के कुली भी इसमें शामिल होंगे। कुलियों ने विकल्प के तौर पर रेलवे में डी ग्रुप की नौकरी की मांग की थी जिसे ठुकरा दिया गया। उनका कहना है कि जब तक यह निजी व्यवस्था बंद नहीं होती उनका विरोध जारी रहेगा।