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पणजी। इस बार पीएम मोदी ने गोवा में भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर जवानों के साथ दिवाली मनाई। यह लगातार 12वीं बार है, जब पीएम मोदी ने यह पर्व सैनिकों के साथ मनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि, उन्हें परिवार के बीच दिवाली मनाने की आदत है, इसलिए वे हर बार देश के रक्षकों के साथ यह त्योहार मनाते हैं।
INS विक्रांत पर जवानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, मैं हमारी सेनाओं को खासतौर पर सैल्यूट करना चाहता हूं। तीनों सेनाओं के जबरदस्त समन्वय ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। उन्होंने कहा कि, INS विक्रांत आत्मनिर्भर भारत और मेड इन इंडिया का प्रतीक है। यह सिर्फ एक युद्धपोत नहीं, बल्कि 21वीं सदी के भारत के परिश्रम और सामर्थ्य का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने गर्व से कहा कि, INS विक्रांत का नाम ही दुश्मन का चैन छीन लेता है। विक्रांत ने पाकिस्तान की रातों की नींद उड़ा दी थी। इसका नाम सुनते ही दुश्मन के पसीने छूट जाते हैं। उन्होंने बताया कि, स्वदेशी INS विक्रांत भारत की तकनीकी प्रगति, आत्मनिर्भरता और सैन्य शक्ति का प्रतिबिंब है।
पीएम मोदी ने कहा कि, आज भारत की नौसेना हर द्वीप पर तिरंगा फहरा रही है और हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा को लेकर चौकसी बनाए रखी है। उन्होंने कहा कि, आज का विश्व इंटरकनेक्टेड है और व्यापार का बड़ा हिस्सा समुद्री रास्तों पर निर्भर करता है। ऐसे में भारतीय नौसेना दुनिया में भारत की शक्ति और जिम्मेदारी का प्रतीक बन गई है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि, अब भारत की नौसेना हर 40 दिन में एक नया स्वदेशी युद्धपोत या पनडुब्बी अपने बेड़े में शामिल कर रही है। उन्होंने कहा कि, भारत की ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलें दुनिया में अपनी क्षमता साबित कर चुकी हैं और अब कई देश इन्हें खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट अब 30 गुना तक बढ़ चुका है। भारत टॉप डिफेंस एक्सपोर्टर देशों में शामिल होने की राह पर है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भावुक होकर कहा कि, एक ओर अथाह समुद्र है, तो दूसरी ओर मां भारती के वीरों का अथाह साहस। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि, मैं INS विक्रांत जैसे शक्ति-प्रतीक के बीच दिवाली मना रहा हूं। उन्होंने कहा कि, रात में समुद्र का सन्नाटा और सुबह का सूर्योदय उनके लिए इस दिवाली को खास बना गया। पीएम ने कहा कि, उन्होंने नौसैनिकों की तपस्या, अनुशासन और समर्पण से बहुत कुछ सीखा है।
मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करता है, बल्कि संकट की घड़ी में दुनिया के देशों की भी मदद करता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि, मालदीव में पानी का संकट आया तो हमने ऑपरेशन नीर चलाया। 2018 में इंडोनेशिया में सुनामी आई, तो भारत वहां कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा।