Manisha Dhanwani
2 Dec 2025
Shivani Gupta
1 Dec 2025
नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) का दूसरा दिन भी SIR विवाद की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने सत्र शुरू होते ही हंगामा किया, नारे लगाए और सदन की कार्यवाही बाधित कर दी। वोट चोर, गद्दी छोड़ जैसे नारों से माहोल गर्म रहा। वहीं सरकार ने कहा कि, वह चर्चा को तैयार है, लेकिन विपक्ष समय सीमा थोपने की कोशिश कर रहा है।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ सांसद वेल में पहुंच गए और लगातार 20 मिनट तक नारे लगाते रहे। स्पीकर ओम बिरला ने प्रश्नकाल जारी रखा, लेकिन शोर बढ़ने पर कार्यवाही 12 बजे तक फिर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार SIR पर चर्चा से बच रही है।
राज्यसभा भी हंगामे से नहीं बच पाई। विपक्षी सांसदों ने SIR पर नारे लगाए, वेल की ओर बढ़े और सरकार पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, लोकतंत्र की रक्षा के लिए विरोध जरूरी है। हम अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।
सत्र शुरू होने से पहले सुबह 10:30 बजे विपक्षी सांसद संसद परिसर में मकर द्वार के सामने जमा हुए। उनकी प्रमुख मांग SIR पर तत्काल चर्चा करने की है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, खड़गे, प्रियंका गांधी सहित कई विपक्षी नेता प्रदर्शन में शामिल हुए।
पहले दिन संसद में संसदीय कार्य मंत्री किरें रिजिजू ने कहा था कि, सरकार SIR पर चर्चा को तैयार है। चुनावी सुधारों पर भी चर्चा करने में कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन विपक्ष समय सीमा बताओ जैसी शर्तें न लगाए।
रिजिजू ने तीखा बयान देते हुए कहा कि, विपक्ष सदन न चलने देने के बहाने ढूंढता है। इस पर कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि, अगर तुम नालायक हो और सदन चलाना नहीं आता, तो हम क्या करें?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विपक्ष ने एक व्यावहारिक सुझाव रखा है। उन्होंने कहा कि, अगर सरकार को “SIR” शब्द पर आपत्ति है, तो चर्चा को “Electoral Reforms” या किसी अन्य टाइटल से सूचीबद्ध किया जाए। सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है और इसे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में रख सकती है।
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने संचार साथी एप को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिया और कहा कि, यह एप पहले से मोबाइल में इंस्टॉल होगा। इसे हटाया नहीं जा सकेगा, यह निजता का सीधे-सीधे उल्लंघन है। उनका तर्क है कि, अनुच्छेद 21 के तहत निजता का अधिकार मूल अधिकार है। एप निगरानी बढ़ाने का रास्ता खोल सकता है।
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विवरण |
संख्या |
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कुल डाउनलोड |
5 करोड़ से ज्यादा |
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फर्जी कनेक्शन समाप्त |
3 करोड़ से ज्यादा |
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चोरी के फोन रिकवर |
50,000 से ज्यादा |
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अक्टूबर में ब्लॉक डिवाइस |
37 लाख से ज्यादा |
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एप से वापस मिले फोन |
7 लाख से ज्यादा |
भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि, विपक्ष बिहार चुनाव में हार से निराश है। भारतीय जनता विकसित भारत चाहती है। SIR पर चर्चा होगी, लेकिन प्रश्नकाल में हंगामा गलत है।
DMK सांसद तिरुचि शिवा ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया। उन्होंने मांग की है कि, देश की चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए जरूरी चुनावी सुधारों पर तुरंत चर्चा कराई जाए।
सरकार इस बार कुल 10 प्रमुख बिल पेश करने जा रही है, जिनमें दो अत्यंत महत्वपूर्ण हैं- एटॉमिक एनर्जी बिल और हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल।
10 प्रस्तावित बिलों की सूची
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क्रम |
बिल का नाम |
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1 |
एटॉमिक एनर्जी बिल |
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हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल |
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3 |
नेशनल हाईवे (अमेंडमेंट) बिल |
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4 |
कॉर्पोरेट लॉ (अमेंडमेंट) बिल |
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5 |
सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल |
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6 |
मणिपुर GST (अमेंडमेंट) बिल |
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7 |
संविधान (131वां संशोधन) बिल |
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8 |
रिपीलिंग एंड अमेंडमेंट बिल |
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9 |
ऑर्बिट्रेशन एंड कॉन्सीलिएशन (अमेंडमेंट) बिल |
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10 |
इंश्योरेंस लॉ (अमेंडमेंट) बिल |
1. न्यूक्लियर सेक्टर में निजी कंपनियों की एंट्री
पहली बार प्राइवेट कंपनियां न्यूक्लियर पॉवर प्लांट बना सकेंगी। NPCIL का एकाधिकार खत्म होगा।
2. हायर एजुकेशन में बड़ा सुधार
UGC, AICTE, NCTE जैसे संस्थानों का विलय। एक राष्ट्रीय हायर एजुकेशन कमीशन। कॉलेजों-यूनिवर्सिटियों को अधिक स्वतंत्रता और पारदर्शिता।
3. हाईवे प्रोजेक्ट्स की रफ्तार बढ़ेगी
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया आसान और तेज।
4. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
कंपनी कानून और LLP कानून में सुधार।
5. बाजार कानूनों का एकीकरण
सेबी, डिपॉजिटरी और सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट को एक कोड में बदला जाएगा।