
Health and Education। ‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ के दूसरे एपिसोड में बॉलीवुड एक्ट्रेस और मेंटल हेल्थ एडवोकेट दीपिका पादुकोण ने बच्चों के साथ खुलकर बातचीत की। यह एपिसोड बुधवार सुबह 10 बजे रिलीज हुआ। इस शो का प्रोमो शिक्षा मंत्रालय ने 11 फरवरी को जारी किया था। शो के दौरान दीपिका ने अपने बचपन की यादें साझा कीं। स्ट्रेस को मैनेज करने के तरीके बताए और मेंटल हेल्थ से जुड़ी अपनी निजी कहानी भी सुनाई। बच्चों को मानसिक दबाव से निपटने के लिए उन्होंने कई प्रभावी सुझाव भी दिए।
बचपन में बहुत शरारती थीं दीपिका
दीपिका पादुकोण ने बताया कि वह बचपन में बहुत शरारती थीं और गणित उनका सबसे कमजोर विषय था। उन्होंने कहा, “स्ट्रेस जीवन का हिस्सा है, इसे हम कैसे हैंडल करते हैं, यही सबसे ज्यादा मायने रखता है।”
बच्चों के साथ खेला 5-4-3-2-1 गेम
दीपिका ने बच्चों को स्ट्रेस कम करने के लिए एक खास गेम सिखाया, जिसे ‘5-4-3-2-1 गेम’ कहा जाता है। इस गेम के नियम इस प्रकार हैं,
5 चीजें बताएं, जिन्हें आप अभी देख सकते हैं।
4 चीजें बताएं, जिन्हें आप छू सकते हैं।
3 चीजें बताएं, जिन्हें आप सुन सकते हैं।
2 चीजें बताएं, जिन्हें आप सूंघ सकते हैं।
1 चीज बताएं, जिसे आप टेस्ट कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि यह गेम माइंडफुलनेस बढ़ाने में मदद करता है और एंग्जायटी को कम करने का एक अच्छा तरीका है।
दीपिका ने शेयर किया अपना डिप्रेशन का अनुभव
दीपिका पादुकोण ने पहली बार अपने डिप्रेशन से जुड़ी आपबीती बच्चों के सामने साझा की। उन्होंने कहा, “जब मैं मुंबई में अकेली थी, तो मुझे डिप्रेशन हो गया। काफी समय तक मैंने किसी से शेयर नहीं किया। एक बार मेरी मम्मी मुझसे मिलने आईं और उनके जाने के बाद मैं जोर-जोर से रोने लगी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। तब मैंने सोचा कि अब मुझे जीना नहीं है।”
उन्होंने बताया कि उनकी मां ने स्थिति को समझा और एक साइकोलॉजिस्ट से बात करने की सलाह दी। जब उन्होंने पहली बार अपनी भावनाएं किसी से साझा कीं तो उन्हें बहुत हल्का महसूस हुआ।
बच्चों ने लिखीं अपनी स्ट्रेंथ
दीपिका ने बच्चों को एक खास एक्टिविटी करवाई। उन्होंने सभी को एक कागज पर अपनी ताकतें (Strengths) लिखने को कहा। उन्होंने समझाया, “इससे हमें क्लैरिटी मिलती है कि हमारी असली ताकतें क्या हैं और हमें किन चीजों पर काम करने की जरूरत है।”
स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए दिए यह सुझाव
एक छात्र ने दीपिका से पूछा कि परीक्षा के दबाव को कैसे झेला जाए। इस पर दीपिका ने कहा, “उन चीजों पर ध्यान दें, जो आपके कंट्रोल में हैं। जैसे– आपकी तैयारी, मेडिटेशन, एक्सरसाइज और माता-पिता से बात करना। फेल होना भी जीवन का हिस्सा है, इसे सहजता से स्वीकारें और अपना सर्वश्रेष्ठ दें।”
उन्होंने बताया कि मेडिटेशन और एक्सरसाइज करने से मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होता है और परीक्षा के तनाव से निपटने में मदद मिलती है।
डिप्रेशन एक अदृश्य बीमारी है, इसे गंभीरता से लें
दीपिका ने कहा, “डिप्रेशन ऐसी चीज है जिसे देख नहीं सकते। मैंने भी बहुत समय तक किसी से शेयर नहीं किया। मैं लगातार थकान और मानसिक दबाव महसूस कर रही थी। एक दिन मैं काम के दौरान बेहोश हो गई, तब मुझे एहसास हुआ कि कुछ सही नहीं है।”
उन्होंने आगे बताया कि उनकी मां ने जब उनकी हालत देखी, तो तुरंत साइकोलॉजिस्ट से बात करने को कहा। जब उन्होंने अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त किया, तो उन्हें बहुत हल्का महसूस हुआ। उन्होंने बच्चों से कहा कि “डिप्रेशन कभी भी, किसी को भी हो सकता है। अगर आप इसे महसूस कर रहे हैं, तो जरूर किसी से बात करें।”
पीएम मोदी ने की थी परीक्षा पे चर्चा की शुरुआत
गौरतलब है कि “परीक्षा पे चर्चा 2025” की शुरुआत 10 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इस इंटरैक्टिव सेशन में पीएम मोदी ने बच्चों को परीक्षा का तनाव कम करने के लिए 9 महत्वपूर्ण टिप्स दिए थे।
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