Shivani Gupta
5 Nov 2025
श्रीनगर। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। जांच एजेंसी ने इस हमले में पाकिस्तानी आतंकियों की मदद करने वाले दो स्थानीय आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हमले में 27 पर्यटकों की जान गई थी और 16 गंभीर रूप से घायल हुए थे।
NIA ने जिन दो आरोपियों को पकड़ा है, उनके नाम परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद जोठार हैं। दोनों पहलगाम के निवासी हैं। जांच में पता चला है कि इन दोनों ने तीन पाकिस्तानी आतंकियों को हमले से पहले हिल पार्क इलाके की एक अस्थायी ढोक (झोपड़ी) में ठहराया था। साथ ही उन्हें भोजन, पनाह और जरूरी रसद उपलब्ध कराई गई थी।
पूछताछ में परवेज और बशीर ने पुष्टि की कि तीनों आतंकी पाकिस्तान के नागरिक थे और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) नामक प्रतिबंधित संगठन से जुड़े थे।
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जिन आतंकियों के स्केच जारी किए थे, उनमें शामिल थे:
22 अप्रैल को पहलगाम से लगभग 6 किलोमीटर दूर बैसरन घाटी में आतंकियों ने हमला किया था। उन्होंने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और फिर हिंदू पुरुषों को गोली मार दी। इस नृशंस हमले में दो विदेशी नागरिकों समेत 27 लोग मारे गए थे, जबकि 16 घायल हुए थे।
एनआईए ने दोनों आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 19 के तहत मामला दर्ज किया है। ये गिरफ्तारियां NIA केस संख्या RC-02/2025/NIA/JMU के तहत की गई हैं। फिलहाल, एनआईए आगे की जांच में जुटी है ताकि पूरी साजिश का खुलासा हो सके।
हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की रात को “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया। इस दौरान पाकिस्तान और POK के 9 आतंकी ठिकानों को एयर स्ट्राइक से तबाह किया गया।
इनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के मुख्य ठिकाने शामिल थे। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकी मारे गए। बताया गया कि मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और 4 सहयोगी भी इस ऑपरेशन में ढेर हुए।
भारत की इस कार्रवाई से साफ संदेश गया कि, वह अपने नागरिकों की जान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर को सेना की एक बड़ी और सफल जवाबी कार्रवाई माना गया, जिससे सीमा पार आतंक के संरक्षकों को झटका लगा है।