मुंबई। बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह अपने बेबाक अंदाज के लिए पहचाने जाते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने तालिबान की जीत पर जश्न मना रहे हिंदुस्तानी मुसलमानों की आलोचना की है। इसमें उन्होंने हिंदुस्तानी इस्लाम और दुनिया के बाकी हिस्सों के इस्लाम के बीच फर्क बताया है।
शाह का वीडियो
शाह ने सवाल पूछा है कि तालिबान की पैरवी करने वाले भारतीय मुस्लिम अपने मजहब में सुधार चाहते हैं या पिछली सदियों जैसे वहशीपन के साथ जीना चाहते हैं? शाह ने कहा, ‘हिंदुस्तानी इस्लाम दुनिया भर के इस्लाम से हमेशा मुख्तलिफ (अलग) रहा है, और खुदा वो वक्त न लाए कि वो इतना बदल जाए कि हम उसे पहचान भी न सकें।’
नसीरुद्दीन शाह का संदेश हर हिंदुस्तानी तक पहुँचे #Talibans pic.twitter.com/nLp6oLSFVS
— Abhay Dubey (@AbhayDubeyINC) September 1, 2021
हिंदुस्तानी मुसलमान को खुद से पूछना चाहिए
वीडियो क्लिप में नसीर कहते हैं, हालांकि अफगानिस्तान में तालिबान का दोबारा हुकूमत पा लेना दुनिया भर के लिए फिक्र की बात है इससे कम खतरनाक नहीं है हिंदुस्तानी मुसलमानों के कुछ तबकों का उन वहशियों की वापसी पर जश्न मनाना। आज हर हिंदुस्तानी मुसलमान को अपनेआप से ये सवाल पूछना चाहिए कि उसे अपने मजहब में सुधार और मॉडर्निटी चाहिए या वो पिछली सदियों के वहशीपन के साथ रहना चाहते हैं।
मुझे सियासी मजहब की जरूरत नहीं है
मैं भी एक हिंदुस्तानी मुसलमान हूं और जैसा कि मिर्जा गालिब एक अरसा पहले फरमा गए हैं, मेरा रिश्ता अल्लाह मियां से बेहद बेतकल्लुफ है, मुझे सियासी मजहब की कोई जरूरत नहीं है। हिंदुस्तानी इस्लाम हमेशा दुनियाभर के इस्लाम से अलग रहा है और खुदा वो वक्त न लाए कि वो इतना बदल जाए कि हम उसे पहचान भी न सकें।
तालिबान के कब्जे पर खुशी मनाने वालों पर निशाना
15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता अपने हाथ में ली थी। भारत में कुछ मुस्लिम संगठनों ने तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। नसीर ने उन्हीं लोगों को निशाने पर लेते हुए ये वीडियो रिकॉर्ड किया है। वो इस वीडियो में उर्दू बोलते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल है।