भोपाल। मध्य प्रदेश के मौसम ने एक बार फिर से करवट बदल ली है। जबलपुर, रीवा, सतना, सिंगरौली और आसपास के जिलों में शुक्रवार को भारी या अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने 17 जिलों में अलग-अलग स्तर के अलर्ट जारी किए हैं। अगले 48 घंटे तक प्रदेश के पूर्वी हिस्से में सक्रिय मौसम प्रणाली के कारण तेज बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है।
प्रमुख जिलों में बारिश का अलर्ट
अति भारी बारिश (ऑरेंज अलर्ट):
- रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली
- अगले 24 घंटे में 8 इंच तक बारिश का अनुमान
भारी बारिश (येलो अलर्ट):
- जबलपुर, सतना, पन्ना, मैहर, दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा
- इन जिलों में 24 घंटे में 4–5 इंच बारिश की संभावना
हल्की बारिश/गरज-चमक (येलो अलर्ट):
भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, सिवनी, बालाघाट, पांढुर्ना, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, झाबुआ, इंदौर, देवास, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और मैहर
सक्रिय मौसम प्रणालियां
- उत्तर-पूर्वी अरब सागर में बना डिप्रेशन धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।
- मध्य उत्तर प्रदेश और निकटवर्ती क्षेत्रों में ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है।
- इन सिस्टम के प्रभाव से अगले 2-3 दिनों तक पूर्वी और मध्य प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है।
मानसून की विदाई और बारिश का आंकड़ा
- अब तक प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम शामिल हैं।
- प्रदेश में इस बार मानसून सामान्य से 21% अधिक रहा। पूर्वी मध्यप्रदेश में औसत से 17% और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 25% अधिक बारिश हुई।
- अब तक 45.77 इंच बारिश हुई है, जबकि औसत 37.2 इंच है।
- सबसे अधिक बारिश गुना में हुई (65.5 इंच), वहीं सबसे कम बारिश शाजापुर (28.7 इंच) और खरगोन (27.3 इंच) में दर्ज हुई।
अगले 48 घंटे का मौसम
4 अक्टूबर को पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज और सीधी में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी है।
5 अक्टूबर को प्रदेश के अधिकांश जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक की संभावना है।
6-7 अक्टूबर तक भी प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर जारी रह सकता है।
इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश की स्थिति
- इंदौर और उज्जैन संभाग की शुरुआत में कम बारिश हुई थी, लेकिन सितंबर में तेज बारिश से इंदौर संभाग का कोटा पूरा हो गया।
- उज्जैन जिले में अब भी सामान्य बारिश का कोटा पूरा नहीं हुआ।
- छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया जैसे जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।