
भोपाल। एमपी में एक नया सियासी ड्रामा शुरू हो गया है। कांग्रेस से आए रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण मंत्री बनाए जाने से नाराज नागर सिंह चौहान ने इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वन एवं पर्यावरण विभाग छीनकर रावत को दिए जाने से नाराज नागर सिंह चौहान ने मंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी दे दी है। इतना ही नहीं उनकी सांसद पत्नी अनीता नागर सिंह चौहान ने भी अपने पद से इस्तीफा देने की धमकी दी है।
फैसले के 12 घंटे बाद सियासी उथल-पुथल
राज्य में हाल ही में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई थी और रविवार को उन्हें वन एवं पर्यावरण विभाग आवंटित किया गया। नागर सिंह चौहान के पास अब तक वन एवं पर्यावरण के अलावा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग भी था। कल शाम को आदेश के बाद वे सिर्फ अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के ही मंत्री रह गए। सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी होने के महज 12 घंटे बाद ही नागर सिंह चौहान ने मोर्चा खोल दिया।
बगैर चर्चा ले लिया फैसला – नागर सिंह
कैबिनेट मंत्री नागर सिंह चौहान ने सोमवार को मीडिया से बातचीत की। उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए साफ कहा कि पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता से छीनकर कांग्रेस छोड़कर आए नेता को वन एवं पर्यावरण मंत्री का पद दे दिया गया। नागर सिंह चौहान ने कहा कि वे खुद अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) वर्ग से आते हैं और अब उनके पास केवल अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ही रह गया है। नागर सिंह चौहान ने दावा किया कि वे इस फैसले से अस कारण आहत हैं क्योंकि बदलाव लेने से पहले CM डॉ. मोहन यादव ने उनसे इस मसले पर कोई चर्चा तक नहीं की।
समर्थकों से चर्चा कर लेंगे फैसला
नागर सिंह चौहान की पत्नी अनीता नागर सिंह चौहान रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं। नागर सिंह चौहान अलीराजपुर से लगातार चौथी बार के विधायक हैं। प्रदेश में नई सरकार के गठन के साथ ही उन्हें मोहन यादव कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री बनाकर तीन अहम विभाग सौंपे गए थे। अब इनमें से दो विभाग चीने जाने से खफा नागर सिंह चौहान दावा कर रहे हैं कि वह आने वाले समय में करीबियों और समर्थकों से चर्चा करने के बाद बड़ा फैसला भी ले सकते हैं।
2 हफ्ते बाद मिले विभाग मिलते ही विवाद शुरू
कांग्रेस से बीजेपी में आए रामनिवास रावत को 8 जुलाई को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, लेकिन उन्हें विभाग का आवंटन नहीं हुआ था। लगभग 2 हफ्ते तक बिना विभाग का मंत्री रहने के बाद रविवार शाम सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक रामनिवास रावत को वन और पर्यावरण मंत्री बनाया गया था। ये विभाग अब तक नागर सिंह चौहान के पास थे। ये दोनों विभाग छिनने के बाद नागर सिंह चौहान के पास केवल आदिम जाति कल्याण विभाग ही बचा था।
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