Shivani Gupta
8 Oct 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार राज्य में विमानन सुविधाओं को विस्तार देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है। राज्य के पांच प्रमुख शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में वीवीआईपी मूवमेंट को सुगम बनाने के उद्देश्य से चारों दिशाओं में तीन से चार नए हेलीपैड बनाए जाएंगे। इसके साथ ही, जिन 28 जिलों में फिलहाल कोई हवाई पट्टी नहीं है, वहां सरकार नई एयरस्ट्रिप बनवाने जा रही है ताकि क्षेत्रीय विमानन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।
विमानन विभाग ने इन शहरों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि वे 15 दिनों के भीतर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजें। हेलीपैड के लिए प्राथमिकता शासकीय भूमि को दी जाएगी, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर निजी भूमि और विश्वविद्यालय, कॉलेज, औद्योगिक इकाइयों के परिसरों का भी उपयोग किया जा सकता है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करना, और आमजन को होने वाली असुविधा को कम करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। प्रस्ताव में हेलीपैड की आवश्यकता, स्थान चयन का औचित्य और संभावित उपयोगिता का उल्लेख किया जाना जरूरी होगा।
प्रदेश के 28 ऐसे जिले हैं, जहां वर्तमान में कोई हवाई पट्टी नहीं है। इन जिलों में विमानन विभाग ने हवाई पट्टी के लिए कम से कम 2000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली भूमि की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही चारों ओर बाउंड्रीवाल होना अनिवार्य होगा। प्रस्ताव में यह भी सुनिश्चित किया जाना है कि चयनित स्थल 100 किलोमीटर के दायरे में किसी अन्य हवाई पट्टी से दूर हो, ताकि क्षेत्रीय संतुलन बना रहे। ये प्रस्ताव भी 15 दिनों के भीतर शासन को सौंपने होंगे।
विमानन विभाग की योजना सिर्फ बड़े शहरों या जिला मुख्यालयों तक सीमित नहीं है। विभाग ने सभी जिलों से कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्र की नगरपालिकाओं और तहसील मुख्यालयों से 50 किलोमीटर के भीतर संभावित हेलीपैड स्थलों की पहचान कर प्रस्ताव तैयार करें। इन हेलीपैड्स के साथ यात्रियों के लिए वेटिंग रूम की व्यवस्था भी की जाएगी।
जहां पहले से हवाई पट्टियां मौजूद हैं, वहां उन्हें विस्तारित कर औद्योगिक और घरेलू उड़ानों के लिए तैयार किया जाएगा। इसका उद्देश्य प्रदेश में औद्योगिक निवेश और पर्यटन को भी बढ़ावा देना है। विमानन विभाग ने इन सभी विकास कार्यों के लिए जिलों से सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा की है।
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