Shivani Gupta
8 Oct 2025
प्रवीण श्रीवास्तव
भोपाल। रक्षाबंधन का त्योहार.. जब बहनें भाइयों की कलाई पर उत्साह से राखी बांधती हैं, लेकिन प्रदेश के हजारों परिवार ऐसे भी हैं, जिनके घरों में रक्षाबंधन की रौनक नहीं रही। यह परिवार उन संविदा कर्मचारियों के हैं, जो वर्षों से स्वास्थ्य विभाग और एनएचएम में काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं मिला। कई ऐसे हैं, जिनको ठेकेदारों ने दो साल से वेतन नहीं दिया है। यह स्थिति तब है, जब विभागीय अधिकारियों ने भी वेतन देने के निर्देश दिए हैं। इन कर्मचारियों में से 80 फीसदी महिलाएं हैं। प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग और एनएचएम में 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से 2500 से ज्यादा कर्मचारी वेतन के लिए परेशान हो रहे हैं।
स्कूल की फीस नहीं भरी: श्योपुर की रीना मीणा को नौ माह से वेतन नहीं मिला। अब तक तो उधारी में घर चल रहा था, लेकिन अब उधार भी नहीं मिलता। बच्चों की फीस नहीं भरी तो वो भी स्कूल नहीं जा रहे।
अकेली कमाने वाली: उमरिया की कर्मचारी आकांक्षा शर्मा परिवार में अकेली कमाने वाली हैं। एक छोटा बेटा है। 8 महीने से वेतन नहीं मिला है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी इनको वेतन देने के निर्देश दिए थे। मानव अधिकार आयोग भी मामले में संज्ञान ले चुका है। इसके बावजूद कर्मचारियों को अब तक वेतन नहीं मिला है।
कर्मचारियों को महीनों से वेतन नहीं मिला, इस वजह से कई घरों में त्योहार नहीं मनाया जा सका। मुख्यमंत्री और विभाग की सीईओ द्वारा निर्देशों के बावजूद कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है
-कोमल सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, एनएचएम संविदा आउटसोर्स सपोर्ट
एनएचएम के माध्यम से वेतन हो चुका है। जो बचे हैं, उनके लिए निर्देश जारी किए जा चुके हैं। फिलहाल मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है। मुझे कोई शिकायत आएगी तो कार्रवाई जरूर की जाएगी।
-सलोनी सिडाना, एमडी, एनएचएम