
भोपाल। मध्य प्रदेश बोर्ड परीक्षाओं (10वीं और 12वीं) के फर्जी पेपर बेचने के मामले में तीन आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दो-दो साल की सजा सुनाई है। इनमें खंडवा का कमलेश गुर्जर (19), रायसेन का कौशिक दुबे (22) रायसेन और रीवा का बृजेश शामिल है। आरोपियों ने एमपी बोर्ड का फर्जी लोगो लगाकर टेलीग्राम पर ग्रुप बनाया था। जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने सभी को गिरफ्तार किया था। ऑनलाइन फर्जी पेपर बेचने के मामले में पहली बार सजा सुनाई गई है।

कोर्ट ने तीनों आरोपियों पर जुर्माना लगाया
न्यायालय ने अभियोजन के साक्ष्य, वैज्ञानिक साक्ष्य, तकनीकी साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुऐ तीनों आरोपियों को धारा 420, 419, भादवि में 2-2 वर्ष का साधारण कारावास एवं 2000-2000 रुपए अर्थदण्ड और धारा 66सी आई एक्ट में तीनों आरोपियों को 2-2 वर्ष का साधारण कारावास एवं 10000-10000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। सहायक जिला अभियोजन अधिकारी नीतू जैन द्वारा मामले की पैरवी की गई।

जानें पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक फरियादी बलवंत वर्मा परीक्षा नियंत्रक माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश ने अपराध शाखा भोपाल में आवेदन दिया था। जिसमें बताया था कि 22 फरवरी 2022 से 4 मार्च 2023 के बीच अज्ञात आरोपियों ने माध्यमिक शिक्षा मंडल के लोगो का उपयोग कर टेलीग्राम पर ग्रुप बनाया था। इसमें बोर्ड क्लासेस का पेपर उपलब्ध कराने का झांसा दिया गया था। कई छात्रों ने इन पेपर की खरीदी के बदले रकम भी चुकाई थी। इस प्रकार आरोपियों ने सैकड़ों छात्रों को ठगकर लाखों रुपए कमाए थे।