Mithilesh Yadav
24 Oct 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल शुक्रवार सुबह हमीदिया अस्पताल पहुंचे और कार्बाइन गन से हुए घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों की स्थिति की जानकारी ली और सभी को उच्चस्तरीय इलाज व निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। डॉक्टरों ने बताया कि हादसे में घायल 37 मरीजों में से 32 पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, जबकि 5 मरीजों का इलाज अभी जारी है।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की सराहना करते हुए कहा कि सभी घायलों को सर्वोत्तम इलाज मिलना चाहिए और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने घायलों का मनोबल बढ़ाया और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके पूर्ण स्वस्थ होने तक हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि हादसे की जांच जारी है और जो भी व्यक्ति अवैध रूप से पटाखे या विस्फोटक सामग्री रखता पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. कविता सिंह, अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन और अन्य वरिष्ठ चिकित्सक भी मौजूद रहे।
कार्बाइन गन के खतरे को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) भोपाल ने दो साल पहले, 2023 में चेतावनी जारी की थी। वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में बताया था कि कैल्शियम कार्बाइड और पानी की रासायनिक प्रतिक्रिया से बनने वाली गैस 'एसिटिलीन' न केवल धमाका कर सकती है, बल्कि आंखों की रोशनी को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। यह अध्ययन 'इंडियन जर्नल ऑफ ऑप्थेलमोलॉजी' में प्रकाशित भी हुआ था। इसके बावजूद, समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए, जिसके कारण अब तक भोपाल के अलग-अलग अस्पतालों में लगभग 162 लोग कार्बाइन गन से घायल हो चुके हैं। इनमें अधिकांश की आंखें झुलस चुकी हैं और उन्हें देखने में परेशानी हो रही है।