Shivani Gupta
7 Nov 2025
Mithilesh Yadav
7 Nov 2025
Naresh Bhagoria
7 Nov 2025
सतना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने रविवार को मध्य प्रदेश के सतना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अखंड भारत के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान अविभाजित भारत का हिस्सा है। वह घर और यह घर अलग नहीं हैं। पूरा भारत एक घर है। बंटवारा ऐसा हुआ, जैसे किसी ने हमारे घर का एक कमरा हटा दिया हो। हमें कल फिर कब्जा वापस लेना है।'
भागवत ने कहा कि इतिहास ने जब भी आंखें खोलीं, भारत सदा एक उन्नत स्वरूप में ही दिखा है। हमारे ऋषि-मुनियों ने इसी सत्य को पहचानकर एक राष्ट्र का निर्माण किया था।
संघ प्रमुख ने देश में भाषा को लेकर हो रहे विवादों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भाषा अनेक हैं, लेकिन भाव एक ही होता है।भागवत ने स्पष्ट कहा कि भारत की सभी भाषाएं राष्ट्र भाषाएं हैं और हर नागरिक को कम से कम तीन भाषाएं आनी चाहिए- घर की, राज्य की और राष्ट्र की। उन्होंने कहा, 'मूल भाषा से ही कई भाषाएं निकली हैं। भाषाई विविधता हमारी एकता का श्रृंगार है, विभाजन का कारण नहीं।'
सिंधी समाज को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि सिंधी समुदाय को अपनी भाषा और परंपरा का गर्व से संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'आपको परंपरा से सिंधी भाषा मिली है, उसे हर सिंधी के घर में बोला जाना चाहिए। भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि संस्कृति की आत्मा होती है।' भागवत ने कहा कि भारत की सभी भाषाएं भारतीयता की पहचान हैं, और 'भाषाई विविधता हमारी एकता का श्रृंगार' है।
संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि विदेशों में जब कोई भारतीय जाता है, तो उसे उसकी धार्मिक या सांस्कृतिक पहचान चाहे जो भी हो, वहां लोग “हिंदू” कहकर बुलाते हैं। उन्होंने कहा, कभी-कभी खुद को हिंदू न मानने वाले लोग भी विदेशों में जाते हैं तो उन्हें हिंदवी या हिंदू कहा जाता है। वे चाहे कितना भी मना करें, दुनिया उन्हें हिंदू ही कहती है। यह हमारी साझा पहचान है। भागवत ने कहा कि हमें अपनी परंपरा, भजन, भाषा, भोजन और वेशभूषा पर गर्व करना चाहिए। यही हमारी संस्कृति की जड़ें हैं, जो हमें एक सूत्र में बांधती हैं।
मोहन भागवत ने कहा कि हमारा एक घर था, जिसका एक हिस्सा हमसे अलग कर दिया गया। उन्होंने कहा, हमारा एक कमरा, जिसमें हमारी चीजें थीं- वो किसी ने हथिया लिया। अब हमें याद रखना है कि वह कमरा हमारा ही है, और एक दिन हमें उसे वापस लेकर वहां फिर से अपना डेरा डालना है। इस बयान के जरिए उन्होंने अविभाजित भारत (अखंड भारत) की अवधारणा को एक बार फिर प्रबल रूप से दोहराया।
सतना प्रवास के दूसरे दिन रविवार को मोहन भागवत ने बाबा मेहर शाह दरबार की नवनिर्मित बिल्डिंग का उद्घाटन भी किया।
इस मौके पर बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, संघ पदाधिकारी और सिंधी समाज के लोग मौजूद रहे। भागवत ने कहा कि भारत की शक्ति उसकी संस्कृति, विविधता और एकता में निहित है, और यही भावना आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाई जानी चाहिए।