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कांग्रेस ने संजय निरुपम को 6 साल के लिए किया निष्कासित, गौरव वल्लभ ने पार्टी से दिया इस्तीफा; कहा- सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता

नई दिल्ली/मुंबई। कांग्रेस ने संजय निरुपम को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों के बाद यह फैसला लिया। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने गुरुवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में अपना इस्तीफा पोस्ट करते हुए पार्टी छोड़ने का कारण भी बताया है। उन्होंने कहा कि मैं न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और न ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता। जब मैंने पार्टी ज्वाइन की थी तब की कांग्रेस और अब की कांग्रेस में जमीन आसमान का अंतर आ गया है।

संजय निरुपम 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित

मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम को बुधवार (3 अप्रैल) को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। पिछले कुछ दिनों से संजय निरुपम पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। कांग्रेस आलाकमान के इस एक्शन से पहले महाराष्ट्र कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें संजय को पार्टी से निकालने की बात कही गई थी। बुधवार को हुई कांग्रेस की बैठक में संजय को पार्टी से निष्कासित किए जाने का प्रस्ताव पारित हुआ था, जिस पर खड़गे ने मुहर लगा दी है।

इतना ही नहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बताया कि उनका नाम (संजय निरुपम) स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल था। वहीं पार्टी के फैसलों से नाराज निरुपम ने कहा है कि, पार्टी अपनी ऊर्जा और स्टेशनरी मुझ पर खर्च न करे। मैं जल्द बड़ा फैसला कर लूंगा।

गौरव वल्लभ ने पार्टी से दिया इस्तीफा

गौरव वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र को एक्स पर पोस्ट कर लिखा- कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है,उसमें मैं खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा। मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।

पत्र में उन्होंने लिखा है- ‘भावुक हूं, मन व्यथित है। काफी कुछ कहना चाहता हूं, लिखना चाहता हूं, बताना चाहता हूं। लेकिन, मेरे संस्कार ऐसा कुछ भी कहने से मना करते हैं, जिससे दूसरों को कष्ट पहुंचे। फिर भी मैं आज अपनी बातों को आपके समक्ष रख रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि सच को छुपाना भी अपराध है, और मैं अपराध का भागी नहीं बनना चाहता।’

पार्टी के स्टैंड से असहज महसूस कर रहा हूं : गौरव

कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे लिखा,’मैं वित्त का प्रोफेसर हूं। कांग्रेस पार्टी की सदस्यता हासिल करने के बाद पार्टी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया। कई मुद्दों पर पार्टी का पक्ष दमदार तरीके से देश की महान जनता के समक्ष रखा। लेकिन पिछले कुछ दिनों से पार्टी के स्टैंड से असहज महसूस कर रहा हूं। जब मैंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया तब मेरा मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। जहां पर युवा, बौद्धिक लोगों की, उनके आइडिया की कद्र होती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मुझे यह महसूस हुआ कि पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए आइडिया वाले युवाओं के साथ खुद को एडजस्ट नहीं कर पाती।’

पार्टी का ग्राउंड लेवल कनेक्ट टूट चुका है : गौरव

कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे लिखा, पार्टी का ग्राउंड लेवल कनेक्ट पूरी तरह से टूट चुका है, जो नए भारत की आकांक्षा को बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही है। जिसके कारण न तो पार्टी सत्ता में आ पा रही और ना ही मजबूत विपक्ष की भूमिका ही निभा पा रही है। इससे मेरे जैसा कार्यकर्ता हतोत्साहित होता है। बड़े नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच की दूरी पाटना बेहद कठिन है, जो कि राजनैतिक रूप से जरूरी है। जब तक एक कार्यकर्ता अपने नेता को डायरेक्ट सुझाव नहीं दे सकता, तब तक किसी भी प्रकार का सकारात्मक परिवर्तन संभव नहीं है।’

कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे लिखा, अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से मैं परेशान हूं। मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं। पार्टी के इस स्टैंड ने मुझे हमेशा असहज किया, परेशान किया। पार्टी और गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं, और पार्टी का उसपर चुप रहना, उसे मौन स्वीकृति देने जैसा है।

इन दिनों पार्टी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है। एक ओर हम जाति आधारित जनगणना की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर संपूर्ण हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं। यह कार्यशैली जनता के बीच पार्टी को एक खास धर्म विशेष के ही हिमायती होने का भ्रामक संदेश दे रही है। यह कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है।

आर्थिक मामलों पर वर्तमान समय में कांग्रेस का स्टैंड हमेशा देश के वेल्थ क्रिएटर्स को नीचा दिखाने का, उन्हें गाली देने का रहा है। आज हम उन आर्थिक उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (एलपीजी) नीतियों के खिलाफ हो गए हैं, जिसको देश में लागू कराने का पूरा श्रेय दुनिया ने हमें दिया है। देश में होने वाले हर विनिवेश पर पार्टी का नजरिया हमेशा नकारात्मक रहा। क्या हमारे देश में बिजनेस करके पैसा कमाना गलत है?

जब मैंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी, उस वक्त मेरा ध्येय सिर्फ यही था कि आर्थिक मामलों में अपनी योग्यता व क्षमता का देशहित में इस्तेमाल करूंगा। हम सत्ता में भले नहीं हैं, लेकिन अपने मैनीफेस्टो से लेकर अन्य जगहों पर देशहित में पार्टी की आर्थिक नीति-निर्धारण को बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर सकते थे। लेकिन, पार्टी स्तर पर यह प्रयास नहीं किया गया, जो मेरे जैसे आर्थिक मामलों के जानकार व्यक्ति के लिए किसी घुटन से कम नहीं है।

पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें मैं खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा। मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर को गाली दे सकता हूं। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं। व्यक्तिगत रूप से मैं आपसे मिले स्नेह के लिए हमेशा आभारी रहूंगा।

दोनों बार विधानसभा चुनाव में मिली हार

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने गौरव वल्लभ को उदयपुर सीट से मैदान में उतारा था। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने उनके लिए चुनाव प्रचार किया था। लेकिन वे भाजपा के ताराचंद जैन से 32 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए थे। इसके अलावा कांग्रेस ने 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में उन्हें जमशेदपुर पूर्वी सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ मैदान में उतारा था। हालांकि, तब भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि, गौरव वल्लभ चार्टर्ड अकाउंटेंट और इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर रहे हैं।

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