Peoples Reporter
10 Oct 2025
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10 Oct 2025
Mithilesh Yadav
10 Oct 2025
Aditi Rawat
10 Oct 2025
Aakash Waghmare
10 Oct 2025
कोलकाता। कोलकाता के साउथ लॉ कॉलेज में 25 जून को एक छात्रा से हुए गैंगरेप के मामले में रोज नए खुलासे सामने आ रहे हैं। मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा और उसके दो साथियों प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद ने न सिर्फ इस जघन्य अपराध की पूर्व योजना बनाई, बल्कि घटना के बाद उन्होंने कॉलेज के गार्ड रूम में शराब पार्टी की। गार्ड को धमकाया और फिर खाना खाकर अपने घर चले गए। पुलिस की जांच में सामने आया है कि घटना के अगले दिन मनोजीत ने प्रभावशाली लोगों से मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन इस बार कोई उसके बचाव में सामने नहीं आया।
पुलिस के अनुसार, 25 जून को छात्रा से गैंगरेप की वारदात के बाद तीनों आरोपी मनोजीत, प्रमित और जैब ने कॉलेज के गार्ड रूम में बैठकर शराब पी। यही नहीं, उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी को धमकाया कि वह इस पूरी घटना के बारे में किसी को न बताए। इसके बाद वे EM बाइपास के एक ढाबे पर खाना खाने गए और फिर अपने-अपने घर लौट गए, जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
26 जून को जब मामला तूल पकड़ने लगा और गिरफ्तारी की आशंका बढ़ी, तो मनोजीत मिश्रा ने दक्षिण कोलकाता के देशप्रिय पार्क में रहने वाले एक पुराने मददगार से संपर्क किया। लेकिन इस बार उसने साफ मना कर दिया और उसे खुद को बचाने की बजाय पीछे हटने की सलाह दी।
मोबाइल टॉवर डेटा के मुताबिक, मनोजीत 26 जून को रासबिहारी एवेन्यू, गरियाहाट, फर्न रोड और बल्लीगंज स्टेशन रोड जैसे इलाकों में घूमता रहा और कई “गुरुओं” और करीबी नेताओं से मदद मांगता रहा। वह कराया पुलिस स्टेशन के पास भी एक व्यक्ति से मिला था।
पुलिस जांच में बड़ा खुलासा यह हुआ कि यह गैंगरेप कोई अचानक की गई हरकत नहीं थी, बल्कि पूरी तरह सुनियोजित साजिश थी। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) से पता चला कि घटना से पहले कई दिनों तक तीनों आरोपी आपस में लगातार संपर्क में थे और कुछ खास प्लानिंग कर रहे थे।
कोलकाता पुलिस ने 4 जुलाई को घटनास्थल यानी साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में चारों आरोपियों को लेकर क्राइम सीन रीक्रिएट किया। सुबह 4:30 बजे से लेकर करीब 4 घंटे तक यह प्रक्रिया चली, जिसमें पुलिस ने घटनाक्रम को बारीकी से समझने और सबूत जुटाने की कोशिश की।
मनोजीत मिश्रा सिर्फ एक पूर्व छात्र नहीं था, बल्कि उसने 2012 में स्टूडेंट यूनियन का जनरल सेक्रेटरी रहकर कॉलेज में अपनी पकड़ बनाई थी। वह तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (TMCP) का साउथ कोलकाता यूनिट सेक्रेटरी भी था और फिलहाल अलीपुर कोर्ट में वकील के रूप में काम कर रहा था।
कॉलेज स्टाफ के मुताबिक, मनोजीत कॉलेज में यूनियन रूम को बार की तरह इस्तेमाल करता था और वहां हर शाम शराब पार्टी करता था। उसे लेकर छात्राएं असुरक्षित महसूस करती थीं, लेकिन कोई खुलकर विरोध नहीं करता था क्योंकि वह अक्सर धमकाता और मारपीट करता था।
इस घटना के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए राज्य के सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में छात्र संघ ऑफिस बंद रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब तक छात्र चुनाव नहीं हो जाते, इन कमरों का कोई उपयोग नहीं किया जाएगा।
मनोजीत मिश्रा के वकील ने अदालत में दावा किया कि पीड़िता से सहमति से यौन संबंध बनाए गए थे और आरोपी को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। हालांकि, अदालत में ऐसा कोई बयान औपचारिक रूप से दर्ज नहीं हुआ। पुलिस के पास मेडिकल और डिजिटल दोनों तरह के सबूत मौजूद हैं, जिससे मामला मजबूत होता जा रहा है।