Manisha Dhanwani
21 Dec 2025
पीपुल्स संवाददाता, गरियाबंद। हैलो, मैं क्रिकेटर रजत पाटीदार बोल रहा हूं, ये सिम आपके पास कैसे आ गई। ये मेरा नंबर है, इस नंबर पर आपके पास मेरे परिचितों के कॉल आ रहे हैं। यह सुनते ही देवभोग के मुडागांव के छोटे किसान गजेंद्र बीसी के बेटे मनीष बीसी (21) और उसके भाई खेमराज के होश उड़ गए।
मनीष के छोटे भाई खेमराज ने बताया, पहले मुझे और मेरे भाई को विश्वास नहीं हुआ, लगा कि कोई प्रैंक (मजाक) तो नहीं कर रहा। खेमराज ने कहा कि 28 जून से 15 जुलाई के बीच हम कई नामीगिरामी क्रिकेटरों के कॉल आ रहे थे।
खेमराज ने बताया कि इन कॉल्स के बीच उसके पास एक दिन भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली सर ने भी कॉल किया, उन्होंने कहा-ये तो नंबर रजत पाटीदार का है, ये नंबर तुम कैसे चला रहा हो, मेरी आवाज पहचाते हो, मैं विराट कोहली बोल रहा हूं। उधर से यह सुनते ही मनीष के छोटे भाई खेमराज बीसी ने मोबाइल थाम लिया और पूरी बात सुनी और बताया ह्यहमने ये सिम अपने गांव के दुकान से ली है। इसके बाद मोबाइल मनीष के छोटे भाई खेमराज ने अपने पास रख लिया।
खेमराज ने बताया कि इसके बाद मोबाइल पर क्रिकेटर यश दयाल और दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज एबी डिविलियर्स के कॉल भी आए। सभी यही कह रहे थे कि तुम रजत पाटीदार नहीं हो, ये नंबर कैसे तुम्हारे पास आया है। इस बीच एक बार फिर क्रिकेटर रजत पाटीदार का कॉल आया, उन्होंने कहा कि मेरा नंबर वापस करो। हालांकि हम लोग गंभीरता से नहीं ले रहे थे इसलिए उन्होंने पुलिस में शिकायत की। इसके बाद हमें स्थानीय थाने में बुलाया गया। यहां थाना प्रभारी ने बताया कि यह नंबर एक बड़े क्रिकेटर का है और तुम इसे वापस कर दो। तो हमने सिम थाने में जमा करवा दी।
खेमराज ने बताया कि 28 जून को देवभोग के बीसी मोबाइल सेंटर से जियो का नया सिम खरीदा था। मोबाइल संचालक शिशुपाल ने सामान्य प्रक्रिया के तहत नंबर 810320** अलॉट किया। इस नंबर के आने के तकरीबन एक सप्ताह बाद हमने इस पर व्हाट्सएप इंस्टॉल किया तो डीपी में उन्हें भारतीय क्रिकेटर रजत पाटीदार की तस्वीर दिखाई दी। पहले तो हमने इसे तकनीकी गड़बड़ी समझा, लेकिन फिर फोन भी आने लगे।
खेमराज ने बताया कि वे आईपीएल और टेस्ट और वनडे सभी क्रिकेट मैच खूब देखते हैं। हम दोनों विराट कोहली सर और रजत पाटीदार सर के फैन हैं। हमारे पास पाटीदार सर का नंबर आ गया। इस दौरान विराट सर और डिविलियर्स और अन्य खिलाड़ियों से बात करने का सौभाग्य मिला। हमारी इच्छा है कि हम एक बार रजत पाटीदार सर से मिल पाएं।
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इस मामले पर आरसीबी के कप्तान रजत पाटीदार ने कहा, ‘मेरी पुरानी सिम बंद होने के बाद कंपनी ने किसी और को अलाट कर दी थी, मेरी शिकायत के बाद मुझे सिम वापस मिल गई है, यह टेक्निकल मिस्टेक थी कोई बड़ा मामला नहीं है।’
देवभोग थाना प्रभारी फैजुल शाह होदा ने बताया कि किसी कारणवश रजत पाटीदार का यह नंबर 90 दिनों तक बंद रहा था। टेलीकॉम कंपनी की प्रक्रिया के अनुसार, लंबे समय तक निष्क्रिय रहने पर नंबर को दोबारा अलॉट किया जा सकता है। इस मामले में मध्य प्रदेश साइबर सेल ने मनीष के पिता से संपर्क कर सिम वापस करने का अनुरोध किया, जिस पर उन्होंने सहमति जताई।