Naresh Bhagoria
24 Nov 2025
Naresh Bhagoria
23 Nov 2025
अशोक गौतम, भोपाल। केन-बेतवा लिंक परियोजना के काम में लगातार देरी होती जा रही है। पहले जहां दोधन डैम तक सड़क नहीं बन पाई थी, वहीं दो साल में जल संसाधन विभाग दो बार इसका एलाइनमेंट बदल चुका है। निवाड़ी कलेक्टर, एसपी सहित अन्य अधिकारियों के बंगले और छतपरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले की करीब 40 निजी कॉलोनियों को बचाने के लिए 12 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रस्ताव केन्द्रीय जल आयोग (CWC) को दिया गया है। अधिकारियों ने शुरुआती दौर में बिना सर्वे के दोधन डैम से निकलने वाली नहर का पुराना (वर्ष 1990 का) एलाइनमेंट फाइनल कर केन्द्र सरकार को भेज दिया। दूसरी बार 2024 में एक और एलाइनमेंट दिया, जिसमें यह कहा गया कि इसमें विस्थापन की कोई दिक्कत नहीं है, इसमें कोई गांव नहीं आ रहे हैं। करीब 7 दिन पहले केन्द्र सरकार को एक और प्रस्ताव भेजा गया जिसमें कहा गया है कि नहर की जगह पाइपलाइन के जरिए अंडर ग्राउंड वाटर सप्लाई की व्यवस्था होगी तो विस्थापन में समस्या नहीं आएगी। नहर की पुरानी डीपीआर तीन हजार करोड़ रुपए की थी।
करीब 7 दिन पहले केन्द्र सरकार को एक और प्रस्ताव भेजा गया जिसमें कहा गया है कि नहर की जगह पाइपलाइन के जरिए अंडर ग्राउंड वाटर सप्लाई की व्यवस्था होगी तो विस्थापन में समस्या नहीं आएगी। नहर की पुरानी डीपीआर तीन हजार करोड़ रुपए की थी। राज्य सरकार के इस प्रस्ताव पर CWC एलाइनमेंट का परीक्षण करेगा। इस नहर की जद में तीनों जिलों के 40 निजी कॉलोनिया और 100 गांव आ रहे हैं। राज्य सरकार ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि इन गांवों और कॉलोनियों के विस्थापन में बहुत समय लगेगा। बताया जाता है कि दोधन डैम से 220 किमी की नहरें बनना थीं पर नए प्रस्ताव में पाइपलाइन और टनल इसे 60 किमी में समेट दिया गया है।
राज्य सरकार ने नहर की जगह पर कुछ अंडरग्राउंड पाइपलाइन और टनल का प्रस्ताव दिया है। इसमें कई कॉलोनियां आ रही हैं। इसके अलावा गांव का विस्थापन का काम है। इससे बहुत समय लगेगा।
प्रशस्त कुमार दीक्षित, सीईओ, केन-बेतवा लिंक परियोजना
मुझे भी जानकारी लगी है कि पाइपलाइन का प्रस्ताव है। वहां कलेक्टर और एसपी सहित अन्य अधिकारियों के बंगले बने हुए हैं। खुली नहर की जगह अब शासन की तरफ से पाइपलाइन डालने पर भी विचार किया जा रहा है।
जमुना भिडे, कलेक्टर निवाड़ी
एलाइनमेंट बदलने और पाइपलाइन डालने के प्रस्ताव के संबंध में ईएनसी विनोद देवड़ा को पता है, उनसे बात करें। मुझे कुछ पता नहीं है।
तुलसी सिलावट, मंत्री, जल संसाधन विभाग