Shivani Gupta
8 Oct 2025
Aakash Waghmare
8 Oct 2025
Peoples Reporter
8 Oct 2025
नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार सुबह जनसुनवाई के दौरान हुए हमले के बाद उनका पहला बयान सामने आया है। सीएम गुप्ता ने इसे सिर्फ अपने ऊपर हमला नहीं, बल्कि जनता की समस्याओं को हल करने के उनके संकल्प पर किया गया ‘कायराना प्रयास’ बताया। उन्होंने कहा कि हमले के बाद वह सदमे में थीं, लेकिन अब बेहतर महसूस कर रही हैं और बहुत जल्द ही जनता के बीच काम करती नजर आएंगी।
मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा कि जनसुनवाई के दौरान हुआ हमला केवल उन पर नहीं, बल्कि दिल्ली की सेवा और जनता की भलाई के संकल्प पर किया गया है। उन्होंने कहा, “स्वाभाविक है कि इस हमले के बाद मैं सदमे में थी, लेकिन अब बेहतर महसूस कर रही हूं। ऐसे हमले मेरे हौसले और जनता की सेवा के संकल्प को कभी तोड़ नहीं सकते। मैं पहले से अधिक ऊर्जा और समर्पण के साथ काम करूंगी।”
सीएम ने अपने समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि वह उनसे मिलने के लिए परेशान न हों और जल्द ही पहले की तरह जनता के बीच दिखेंगी।
बुधवार सुबह करीब 8:15 बजे सीएम रेखा गुप्ता अपने जनसुनवाई कार्यक्रम में जनता की समस्याएं सुन रही थीं। माहौल सामान्य था और लोग अपनी-अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे। तभी राजेशभाई खिमजी नामक व्यक्ति अपनी फाइलें लेकर सामने आया। शुरुआत में वह आम शिकायतकर्ता जैसा दिखा, लेकिन अचानक उसने मुख्यमंत्री का हाथ पकड़ने की कोशिश की और धक्का देकर गिराने का प्रयास किया।
मौके पर मौजूद स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई कर आरोपी को काबू में कर लिया। इस दौरान हड़कंप मच गया। कुछ लोगों ने दावा किया कि सीएम को थप्पड़ मारा गया, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट किया कि मामला केवल धक्का-मुक्की और हाथ पकड़ने तक सीमित रहा।
पुलिस ने आरोपी राजेशभाई खिमजी के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 109(1)/132/221 के तहत मामला दर्ज किया है। इन धाराओं में सरकारी कर्मचारी पर हमला, काम में बाधा डालना और हत्या की कोशिश से जुड़े प्रावधान शामिल हैं।
पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी पर पहले से पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें तीन शराब तस्करी और दो मारपीट से जुड़े हैं। कुछ मामलों में उसे बरी भी किया जा चुका है। दिल्ली पुलिस अब उसकी पूरी आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच कर रही है और यह भी पता लगाने की कोशिश में है कि कहीं हमले के पीछे किसी संगठन या राजनीतिक समूह की साजिश तो नहीं है।