Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
शोपियां। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की नौवीं वर्षगांठ से ठीक पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि जब तक पड़ोसी देशों के साथ हालात नहीं सुधरते, आतंकवाद खत्म नहीं होगा। उन्होंने अमेरिका, पाकिस्तान, चीन और भारत के संबंधों को भी कश्मीर की स्थिति से जोड़ा।
डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "जो ये समझते हैं कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा, मैं उन्हें दावा करता हूं कि ऐसा तब तक नहीं होगा जब तक हमारे पड़ोसियों के हालात बेहतर नहीं होते।" उन्होंने कहा कि युद्ध समाधान नहीं, बल्कि बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है।
फारूक अब्दुल्ला ने अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, “अचानक ट्रंप पाकिस्तान के साथ ज्यादा दोस्ताना हो गए हैं। अमेरिका हमें कहता है कि हम रूस से तेल न खरीदें, लेकिन पाकिस्तान को खुद कच्चा तेल देकर सस्ता पेट्रोल-डीज़ल बनवाने की योजना बना रहा है। इससे पाकिस्तान को और ताकत मिल रही है। चीन तो पहले से ही उनके पीछे खड़ा है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे पड़ोसी देश हमारे मित्र नहीं हैं। हमने हमेशा यह दिखाने की कोशिश की है कि हम उनसे ज्यादा ताकतवर हैं, लेकिन हमें यह सोचना चाहिए कि कैसे साथ चलकर इस क्षेत्र की समस्याओं को हल करें। यही सोच थी सार्क की, जिसकी नींव इंदिरा गांधी ने रखी थी।”
राज्य के दर्जे की बहाली के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हां, मुझे पूरा भरोसा है कि केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देना ही पड़ेगा। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।” उन्होंने भरोसा जताया कि लोकतंत्र और संविधान के तहत ये अधिकार जनता को वापस मिलेंगे।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “मैं आज की स्थिति में जल्द शांति आते नहीं देखता। हम भ्रम में जी रहे हैं कि शांति अपने आप आ जाएगी। हमें चाहिए कि हम सकारात्मक संवाद, क्षेत्रीय सहयोग और पड़ोसी देशों से बेहतर संबंध बनाने की दिशा में ठोस पहल करें।”