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Peoples Knowledge : क्यों है दुनिया भारतीय मसालों की फैन, देखिए रोचक वीडियो

300 से ज्यादा मसालों का होता है उपयोग, दुनियाभर में 75% मसालों का उत्पादन अकेले भारत में

भारतीय मसालों का जिक्र किए बिना दुनिया में मसालों का इतिहास पूरा नहीं होता। भारतीय तो मसाला खाने के शौकीन होते ही हैं, लेकिन अब सारी दुनिया भारतीय मसालों की फैन बन चुकी है। दुनियाभर में भारत के मसाले निर्यात होते हैं। भारत में मसालों के भंडार ने सदियों से दुनिया को दीवाना बना रखा है। मसाले खाने से शरीर मजबूत बनता है। मसाले इम्यूनिटी बढ़ाते हैं, पाचन सुधारते हैं,रोगों के खिलाफ सुरक्षा देते हैं और इनफेक्शन से बचाव करते हैं। भारतीय मसालों की क्वालिटी दुनिया में बेस्ट है। जानते हैं कि आखिर पूरी दुनिया भारतीय मसालों की फैन क्यों है?

भारतीय मसाले और हेल्द, भारतीय मसालों की क्वालिटी बेस्ट

दुनियाभर में भारत के मसाले निर्यात होते हैं। भारत में मसालों के भंडार ने सदियों से दुनिया को दीवाना बना रखा है। मसाले खाने से शरीर मजबूत बनता है। मसाले इम्यूनिटी बढ़ाते हैं, पाचन सुधारते हैं, रोगों के खिलाफ सुरक्षा देते हैं। इनफेक्शन से बचाव करते हैं।

भारतीय मसालों की क्वालिटी दुनिया में बेस्ट है। भारत की विविधतापूर्ण जलवायु में सभी तरह के मसालों का बढ़िया उत्पादन होता है। यहां का जादुई वातावरण मसालों के उत्पादन के बहुत अनुकूल है, जो उन्हे विशेष रंग, गंध और स्वाद देता है। भारत के दक्षिणी राज्य मसाला उत्पादन में अग्रणी हैं, लेकिन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मसाला उत्पादन होता ही है।

मिर्च, जीरा और हल्दी उत्पादन में भारत नंबर वन

मिर्च, जीरा और हल्दी उत्पादन में भारत दुनिया में नंबर वन है। भारतीय लौंग, दालचीनी, इलायची, सौंफ और करी पावडर की दुनिया में बहुत मांग है। दुनिया के कुल मसाला उत्पादन में भारत का योगदान 75 प्रतिशत है। इन मसालों का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। साबुत,कटा हुआ, पिसा हुआ, भुना हुआ, तला हुआ और टापिंग्स के रूप में, कम से कम 50 मसाले आम प्रचलन में हैं। हालांकि 300 से अधिक जड़ी-बूटियों का उपयोग मसाले के तौर पर दुनियाभर के व्यंजनों में किया जाता है। हमारे बुद्धिमान पूर्वजों ने भोजन को स्वादिष्ट और सुवासित बनाने, रंगने, संरक्षित करने,सजावट करने, स्वाद को छुपाने, किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए जड़-तना, पत्ती-छाल, कली, फूल-फल, बीज, गोंद,सब्जी रूपी मसालों का उपयोग करना सीख लिया था।

मसालों की दुनिया बड़ी विशाल और विविध है। मसालों का ख्याल ही मुंह में पानी और खाने में स्वाद लाने के लिए काफी है, लेकिन दुनिया में, उसमें भी एशियाई लोगों में मसालों के प्रति सबसे अधिक सहनशीलता है। वे तरह-तरह के मसाले उपयोग करते हैं, जबकि कॉकेशियन(गोरे लोग) में मसालों को लेकर सबसे कम रुचि है। भारत में हर साल 4.14 मिलियन टन से अधिक मसाले पैदा किए जाते हैं।

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