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मुंबई। भारतीय नौसेना की ताकत और आधुनिक क्षमता में मंगलवार को और इजाफा होगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, आज दोपहर 2.45 बजे भारतीय नौसेना बेड़े में दो नए अत्याधुनिक युद्धपोत – INS उदयगिरि और INS हिमगिरि शामिल होंगे। ये दोनों युद्धपोत प्रोजेक्ट 17A के तहत बनाए गए हैं और इन्हें इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये दुश्मन के रडार, इंफ्रारेड और ध्वनि सेंसर से बच सकें। इनकी तैनाती से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की समुद्री शक्ति और भी मजबूत हो जाएगी।
यह पहला मौका है जब दो भारतीय शिपयार्ड्स में बने युद्धपोतों को एक साथ नौसेना में शामिल किया जा रहा है। INS हिमगिरि कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने बनाया है। इसका नाम पुराने INS हिमगिरि से लिया गया है। INS उदयगिरि मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में बना है। इसका नाम आंध्र प्रदेश की उदयगिरि पर्वत श्रृंखला पर रखा गया है। यह सिर्फ 37 महीनों में तैयार हुआ है।
इन युद्धपोतों का निर्माण भारत की स्वदेशी तकनीक और MSME सेक्टर की भागीदारी का नतीजा है। इनके निर्माण में 200 से ज्यादा MSME कंपनियों ने अहम भूमिका निभाई और इस प्रक्रिया में लगभग 4,000 लोगों को रोजगार मिला।
15 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ तीन वॉरशिप - INS सूरत (डिस्ट्रॉयर), INS नीलगिरि (स्टेल्थ फ्रिगेट) और INS वाघशीर (सबमरीन) नौसेना को सौंपे थे। 18 जून 2025 को देश का पहला एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट - INS अर्णाला कमीशन हुआ था।
INS उदयगिरि और हिमगिरि की तैनाती से नौसेना की इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मौजूदगी और ताकत और ज्यादा मजबूत होगी। चीन और पाकिस्तान की गतिविधियों पर इन दोनों युद्धपोतों के जरिए लगातार निगरानी रखी जा सकेगी।