
इंदौर। चीन और बांग्लादेश से आयातित कपड़ों के विरोध में मंगलवार को इंदौर के व्यापारियों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए प्रतीकात्मक रूप से इन कपड़ों की होली जलाई। राजगुरु कॉम्प्लेक्स चौराहा, राजबाड़ा पर आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में व्यापारी शामिल हुए और ‘बांग्लादेश-चायना का कपड़ा नहीं बेचेंगे’ जैसे नारों से विरोध प्रकट किया।
व्यापारियों ने दिखाई एकजुटता
इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन की अगुवाई में हुए इस विरोध में तीन बोरों में चीन और बांग्लादेश से आए कपड़े व एक्सेसरीज रखे गए थे। कार्यक्रम में व्यापारी इन कपड़ों की होली जलाते हुए नारेबाजी कर रहे थे। इसमें अहिल्या चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल, रेडीमेड वस्त्र निर्माता संघ अध्यक्ष आशीष निगम सहित कई प्रमुख व्यापारी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री की नीति से प्रेरित हुआ अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ‘टेरर, टॉक और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते’ के संदेश को आधार बनाकर यह अभियान शुरू किया गया है। एसोसिएशन अध्यक्ष अक्षय जैन ने बताया कि 600 से ज्यादा व्यापारियों ने विदेशी कपड़ों की बिक्री बंद करने का संकल्प लिया है। यह आंदोलन अब अन्य व्यावसायिक संगठनों को भी जोड़ रहा है।
स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू
स्वदेशी वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए एसोसिएशन ने एक अस्थायी कॉल सेंटर की भी स्थापना की है। इसके माध्यम से ग्राहकों को ऑनलाइन स्वदेशी वस्त्र खरीदने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
चीन-बांग्लादेश से हो रहा आर्थिक नुकसान
जानकारी के अनुसार, अकेले इंदौर में हर महीने लगभग 60 करोड़ रुपए के चीनी गारमेंट्स की बिक्री होती है, जिसमें 60 प्रतिशत हिस्सा वूमेन वेस्टर्न वियर का होता है। बांग्लादेश के जरिए चीन भारी मॉल भारतीय बाजार में भेजकर आयात शुल्क की चोरी करता है, जिससे देश को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
व्यापारिक संगठनों का मिला समर्थन
इस प्रदर्शन में भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ अध्यक्ष धीरज खंडेलवाल, राजेश बाहेती, नरेंद्र बाफना, दीपक भंडारी, पवन पंवार, राजेंद्र राठौर, नितिन कस्तूरी जैसे अनेक प्रमुख व्यापारी भी शामिल हुए। सभी ने मिलकर विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार का समर्थन किया और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की।
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