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इंदौर। शहर के रानीपुरा क्षेत्र में सोमवार रात दहला देने वाले हादसे में झंडाचौक के पास स्थित एक तीन मंजिला इमारत अचानक भरभराकर गिर गई। घटना रात करीब 9 बजकर 15 मिनट पर हुई, जब लोग अपने-अपने घरों में ही थे। अचानक हुई इस दुर्घटना से पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। इमारत गिरते ही जोरदार आवाज हुई और चारों तरफ धूल का गुबार फैल गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे के बाद आसपास के लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े और अपने स्तर पर बचाव कार्य शुरू किया। थोड़ी ही देर में पुलिस, प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गईं और रेस्क्यू अभियान शुरू किया।
इमारत के गिरने के समय मकान में कुल 14 लोग मौजूद थे, जो मलबे में दब गए। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि इस दर्दनाक घटना में एक 20 वर्षीय युवती अल्फिया पिता रफीउद्दीन और फहीम की मौत हो गई है, जबकि 12 लोग घायल हुए हैं। राहत कार्यों की निगरानी करने वाले अधिकारियों ने बताया कि अल्फिया का शव रात सवा बजे और फहीम का शव मंगलवार तड़के मलबे से निकाला गया। घायलों में एक तीन माह की मासूम बच्ची भी शामिल है। 4 घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस जर्जर इमारत में चार परिवार रहते हैं। मकान गिरने पर कुल 14 लोग उसके मलबे में दब गए। घायलों में कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद अंसारी ने बताया कि यह इमारत सम्मू बाबा नामक व्यक्ति की थी और इसके अंदर उस समय चार परिवारों के लोग मौजूद थे। रेस्क्यू टीम ने दो जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम शुरू किया। घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर शिवम वर्मा और पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह समेत जिले के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और स्थानीय विधायक गोलू शुक्ला सहित कई जनप्रतिनिधि भी जल्दी ही मौके पर पहुंच गए।
बड़ी संख्या में स्थानीय लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए, जिसके कारण पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बिजली विभाग ने इलाके की बिजली काट दी है और रेस्क्यू टीम ने बिजली के तार हटाकर राहत कार्य को तेज कर दिया है। जानकारी के अनुसार यह इमारत करीब 10 से 15 साल पुरानी थी और लंबे समय से जर्जर हालत में थी। हाल ही में हुई लगातार बारिश के कारण इमारत में दरारें पड़ गई थीं, लेकिन समय पर इसकी मरम्मत नहीं की गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे के समय इमारत के कुछ लोग घर से बाहर थे, जिससे वे हादसे का शिकार होने से बच गए।
इसस बिल्डिंग में रह रहे चार परिवारों के कुछ सदस्य बाहर गए हुए। इस लिए वे बच गए। अंदर मौजूद 14 लोग अचानक गिरी इमारत की चपेट में आ गए और गंभीर रूप से घायल हुए। पुलिस और प्रशासन इमारत गिरने के कारणों की जांच कर रहे हैं। प्राथमिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि इमारत की नींव कमजोर थी और लगातार बारिश से यह और कमजोर हो गई, जिसके कारण यह गिर गई। हालांकि, यह भी देखा जा रहा है कि कहीं निर्माण के दौरान कोई तकनीकी खामी या लापरवाही तो नहीं हुई थी। प्रशासन ने आसपास की जर्जर इमारतों का तुरंत सर्वे कराने का आदेश दिया है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।