People's Reporter
18 Oct 2025
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित एमवाय अस्पताल की बिल्डिंग लंबे समय से जर्जर हालातों में है। साथ ही बाहरी इलाका भी कई समस्याओं से घिरा हुआ है। जिसे मरम्मत की सख्त जरूरत है अन्यथा इसकी स्थिति और बुरी हो जाएगी। एमवाय अस्पताल को साल 1948 में प्रथम राजा यशवंत राव होलकर ने बनवाया था। अब तक अस्पताल को 78 साल बीत गए हैं। जिससे राज्य शासन को जल्द ही इसके मरम्मत के लिए भारी रकम खर्च करनी पड़ेगी।
दरअसल यह खुलासा लोक निर्माण विभाग (PWD) की 300 पेज पेश की गई रिपोर्ट में हुआ है। यह रिपोर्ट चूहा कांड के बाद सामने आई है, जिसमें उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया था। फिलहाल इस मामले में सुनवाई चल रही है। रिपोर्ट प्रदेश सरकार ने कोर्ट में पेश की है, जिसमें एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन और सुपरिटेंडेंट सहित स्टाफ व एग्जाइल कंपनी की लापरवाही की जानकारी भी दी गई है। डीन ने इसमें अपने प्रतिवेदन में 31 अगस्त और 1 सितंबर को अस्पताल में चूहे द्वारा काटे जाने की घटनाओं का विवरण दिया है। इनमें बताया कि नवजात शिशुओं की मौत चूहे के काटने से नहीं, बल्कि जन्मजात विकृतियों (मल्टिपल कॉन्जेनिटल मॉलफॉर्मेशन्स) से हुई, अस्पताल में कर्मचारियों की भारी कमी का जिक्र, पीडब्लूडी द्वारा भवन का रखरखाव बेहद खराब, पेस्ट कंट्रोल का अनुबंध HLL Infra Tech Services Ltd (HITES) के साथ समाप्त कर दिया गया है।
बता दें पीडब्लूडी के कार्यपालन यंत्री जे.जे गौतम ने 7 अक्टूबर को कोर्ट में रिपोर्ट पेश की। इसमें अस्पताल से जुड़ी कई समस्याओं के बारे में बताया गया है। हाई कोर्ट ने एमवाय अस्पताल भवन की जर्जर स्थिति को गंभीरता से लिया और 15 सितंबर को प्रदेश सरकार को निर्देश दिए थे कि लोक निर्माण विभाग इन बिंदुओं पर रिपोर्ट दें।
न्यायालय में पेश हुई रिपोर्ट में कई प्रमुख समस्याओं पर बिंदु केंद्रित की गई है। इनमें बताया गया कि अस्पताल की उम्र 25 साल से अधिक नहीं बची, यानी करीब 2050 तक, ड्रेनेज सिस्टम में अधिक खराबी, छतों से पानी टपकता है साथ ही पाइपलाइन में लीकेज की शिकायत, सीवरेज लाइन में भी लीकेज हैं, बारिश में बेसमेंट में पानी भर जाता है, अधिकतर टॉयलेट और बाथरूम खराब स्थिति में हैं यहां कई जगह ब्लॉकेज हैं, दीवारों और बालकनी में छेद हैं पानी रिसाव से नमी फैली हुई है साथ ही ड्रेनेज में कपड़े और कचरा फंसने से चोक रहता है।