Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
शैलेंद्र वर्मा, इंदौर। इंदौर नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान होने वाले विवादों से निपटने के लिए एक नया और तकनीकी तरीका अपनाया है। अब अतिक्रमण रिमूवल दस्ते के कर्मियों की बॉडी पर कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि मौके पर हो रही घटनाएं रियल टाइम में रिकॉर्ड हो सकें। यह निर्णय विवादों की निष्पक्ष जांच और कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है।
अक्सर अतिक्रमण हटाने के दौरान निगम के कर्मचारी स्थानीय लोगों से विवादों में घिर जाते हैं। लोग कभी JCB के आगे लेट जाते हैं, तो कभी महिलाएं कर्मचारियों से उलझ जाती हैं। कई बार सब्जी और फल वाले ठेला व्यवसायी उन पर सामान पलटाने या तोड़फोड़ के आरोप भी लगाते हैं। ऐसे में निगम कर्मचारियों के पास अपना पक्ष रखने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं होता। अब बॉडी वॉर्न कैमरों से हर विवाद रिकॉर्ड होगा और सच्चाई सामने लाई जा सकेगी।
नगर निगम शुरुआत में 30 बॉडी वॉर्न कैमरे खरीदेगा, जिन पर करीब 1 लाख रुपये का खर्च आएगा। इन्हें 10 प्रमुख रिमूवल दस्तों को वितरित किया जाएगा। कैमरे अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगे, जिनका मॉडल निविदा के बाद तय किया जाएगा।
इंदौर की ट्रैफिक पुलिस पहले से ही बॉडी वॉर्न कैमरों का उपयोग कर रही है। वाहन जांच के दौरान यदि कोई व्यक्ति पुलिसकर्मी से विवाद करता है तो कैमरा ऑन कर दिया जाता है, जिससे पूरा घटनाक्रम रिकॉर्ड हो जाता है। इस तकनीक से निष्पक्ष कार्रवाई आसान हो गई है।
“रिमूवल की कार्रवाई के दौरान विवादों से बचने के लिए कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। निविदा आमंत्रित की गई है। हम अत्याधुनिक कैमरे खरीदेंगे और तय करेंगे कि बॉडी वॉर्न कैमरा लेना है या पेन कैमरा।”
– रोहित सिसोनिया, अपर आयुक्त, रिमूवल विभाग“अक्सर कार्रवाई के दौरान विवाद होते हैं। यदि हमारे पास वीडियो सबूत हो तो हम अधिकारियों के सामने मजबूती से अपना पक्ष रख सकते हैं। कैमरों से आमजन में भय भी रहेगा और वे बेवजह झगड़े नहीं करेंगे।”
– बबलू कल्याणे, रिमूवल प्रभारी“निगम कर्मचारी फील्ड में रहते हैं और विवाद की स्थिति सामान्य बात है। वीडियो के माध्यम से स्थिति स्पष्ट हो जाती है। इसलिए कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।”
– शिवम वर्मा, आयुक्त नगर निगम