इंदौर - इसे हादसे कहे या अनहोनी , लेकिन बदमाशों का समय अब खत्म हो चुका हैं। कुछ समय पहले इंदौर के शातिर गैंगस्टर सलमान लाला जिसके अपराधों से इंदौर शहर परेशान हो गया था। उसे भोपल से इंदौर लाते समय वो भागते हुए एक तालाब में जा गिरा व उसकी मौत हो गई। वही रविवार को भी इंदौर में यूपी के महिलाओ के गले से चेन चोरी करने वाले गिरोह का एक सदस्य का पुलिस पूछा कर रही थी। लेकिन वो भी इंदौर में करंट लगने से मारा गया। दोनों में कारण जो भी रहा हो लेकिन समाज की बुराइयां इस तरह से भी खत्म हो रही हो तो अच्छा ही हैं।
रविवार को उत्तर प्रदेश के शामली जिले में ‘राम कथा’ के दौरान महिलाओं की चेन काटने वाली गैंग का एक बदमाश इंदौर में करंट लगने से मारा गया। शामली पुलिस बदमाश का पीछा कर इंदौर तक आई थी। मांगलिया के पास राऊखेड़ी में पुलिस ने बदमाशों की दो कार का पीछा कर ओवरटेक कर रोका तो आरोपी अरुण (38) पिता मेघनाथ नायडू कार से उतरकर बायपास से लगे मोनू पटेल के खेत की ओर भागा। तभी तार फेंसिंग में उलझकर बिजली के करंट से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बदमाशों की एक अन्य कार पुलिस को चकमा देकर भाग निकली। अरुण तमिलनाडु में रह रहा था और उसकी गैंग में अधिकांश सदस्य दिल्ली के हैं।
उसी तरह सितंबर माह में 28 साल के सलमान लाला जिस पर इंदौर में 32 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। उसे जब इंदौर पुलिस जब गिरफ्तार करके इंदौर ला रही थी उसे समय सीहोर बायपास क्षेत्र में पुलिस को चकमा देने की कोशिश कर रहा था। पुलिस का कहना है कि जब आरोपी का पीछा किया गया तो सलमान तालाब में कूद गया, जहां उसकी डूबने से मौत हो गई। लेकिन परिवार ने पुलिस पर ही आरोप लगाए थे। लेकिन आरोप साबित नहीं हो पाया ।
एसआई शैलेंद्र सिंह ने बताया कि ये एक बड़ी चेन कटिंग गैंग है। शामली कोतवाली थाना क्षेत्र में ‘राम कथा’ के आयोजन के दौरान गिरोह के पांच सदस्य महिलाओं के गले से कटर की मदद से सोने की चेन काटते थे। वारदात के बाद गैंग के सदस्य कार (डीएल 3 सीसी एम 9484) से इंदौर की ओर भागे थे। इन बदमाशों के खिलाफ शामली कोतवाली थाने में अपराध भी दर्ज है। पुलिस बदमाशों का पीछा करते हुए इंदौर आए थे। अरुण के साथ कार में मौजूद चचेरी बहन माला नायडू व दो लोगों को हिरासत में ले लिया।
ब्रिटिश हुकूमत ने आपराधिक जाति घोषित किया था
बावरिया जनजाति पर अंग्रेजों के जमाने से अपराधी होने का दाग लगा हुआ है। ब्रिटिश हुकूमत ने 1871 में इस जनजाति को ‘आपराधिक जनजाति’ घोषित किया था। 1970 के दशक में तत्कालीन डीएम ने इस समुदाय के लोगों की जिंदगी बदलने के लिए खूब काम किए।
देश की चेन चटकाने वाली गैंग --
यूपी के शामली जिले में झिझांना थानांतर्गत अलाउद्दीनपुर गांव में बावरिया जाति की यह गैंग इसी तौर-तरीके से देश के कई राज्यों में सैकड़ों वारदातें कर चुकी है। अन्य आरोपियों की तलाश में शहर पुलिस की टीम इस गांव में पहुंची तो वहां चार अन्य राज्यों की पुलिस भी मिली। इसमें गोवा, चैन्नई, हैदराबाद दिल्ली पुलिस शामिल है।