इंदौर - नवाजुद्दीन सिद्दीकी का डायलॉग "मैं मौत को छूकर टक से वापस आ सकता हूं" तो आपकी याद में जरूर होगा। लेकिन यह की फिल्म क सीन नहीं बल्कि इंदौर के रहने वाले एक 70 वर्षीय व्यक्ति के साथ हुआ हैं जिसे सुन कर अप भी हैरान हो जाएंगे।
इंदौर के राजनगर क्षेत्र में रहने वाले 70 वर्षीय माखनलाल वेद ब्रेन हेमरेज के चलते पिछले कई समय से जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे थे। लेकिन अचानक गुरुवार दोपहर उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजन उन्हें घर ले आए। अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर रिश्तेदारों को सूचना के बाद सभी घर पर एकत्र हो गए अर्थी पर लेटाने की तैयारी कर भी ली थी, कि इस बीच अचानक माखनलाल की सांसे तेज गति से चलने लगीं। घर वालों को पहले तो लगा कि यह उनका भ्रम है, लेकिन फिर उन्होंने देखा कि माखनलाल सामान्य तरीके से सांसें ले रहे हैं। शरीर में हलचल भी नजर आने लगी। घर वाले दौड़े और डॉक्टर को बुला लाए। जांच हुई तो पता चला कि माखनलाल जीवित हैं। स्वजन ने बताया कि अभी उन्हें घर पर ही रखा गया है। डॉक्टर ने कहा है कि कई बार ऐसा हो जाता है। अस्पताल में भी वह वेंटीलेटर पर ही थे। डाक्टरों द्वारा मृत घोषित करने के बाद इंटरनेट पर संदेश भेजा गया कि राजनगर से साढ़े चार बजे शव यात्रा पंचकुईया मुक्तिधाम लेकर जाएंगे। लेकिन जैसे ही उनका दिल धकड़ना शुरू हुआ। संदेश भेजा कि माखनलाल वेद अब बाबा महाकाल की कृपा से स्वस्थ है और पुन: उनकी सांसे आ गई है। शव यात्र रद्द की जाती है।