Shivani Gupta
8 Oct 2025
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC 2025) के नौवें संस्करण में राज्यों के आईटी मंत्रियों और सचिवों के साथ एक राउंडटेबल बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक के दौरान सिंधिया ने कहा कि भारत की प्रगति में दूरसंचार क्षेत्र की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे केंद्रीय RoW (Right of Way) नियम 2024 को अपनाएं, एकीकृत DISCOM बिल प्रणाली लागू करें और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार में केंद्र के साथ मिलकर काम करें।
उन्होंने बताया कि नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं—जैसे कि RoW मंजूरी की प्रक्रिया को सरल बनाना, ऑप्टिकल ग्राउंड वायर (OPGW) का उपयोग बढ़ाना और 4G/5G नेटवर्क के विस्तार को तेज करना।
सिंधिया ने कहा- भारत की टेलीकॉम यात्रा अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक मानक तय कर रही है। सरकारों की भूमिका अब नियामक (Regulator) से आगे बढ़कर सहयोगी (Facilitator) बनने की है ताकि डिजिटल सुविधाएं हर नागरिक तक पहुंच सकें।
मंत्री ने सभी राज्यों के आईटी मंत्रियों से व्यवहारिक सुझाव और कार्ययोजना आधारित इनपुट मांगे ताकि संचार मंत्रालय (DoT) उन पर ठोस कदम उठा सके। बैठक में उपस्थित BSNL के CMD के साथ उन्होंने राज्यों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर चर्चा की और समाधान का भरोसा दिया।
सिंधिया ने तेलंगाना, छत्तीसगढ़, सिक्किम, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु, गोवा और ओडिशा जैसे राज्यों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि उनके मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सिर्फ नेटवर्क नहीं, बल्कि शिक्षा, रोजगार और अवसरों का पुल है, खासकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लिए।
सिंधिया ने बताया कि सस्ता डेटा, मजबूत ब्रॉडबैंड नेटवर्क और तेज़ तकनीकी नवाचार के कारण भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा डिजिटल राष्ट्र बन गया है। उन्होंने कहा कि राज्यों को AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता), डेटा सेंटर और डिजिटल स्किलिंग के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
सिंधिया ने अंत में कहा- यह भारत का पल है। अगर केंद्र और राज्य मिलकर समान भागीदार के रूप में काम करें, तो हम डिजिटल डिवाइड को खत्म कर सकते हैं, लाखों नए अवसर बना सकते हैं और भारत को एक वैश्विक डिजिटल शक्ति बना सकते हैं।