People's Reporter
16 Oct 2025
राजीव सोनी-भोपाल। आयकर एग्जम्पशन (छूट) के नेशनल प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर और मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के प्रभारी मोहनीश वर्मा को 37 वर्षीय कार्यकाल के दौरान मप्र-छग खासतौर पर भोपाल की खूबसूरती बेहद पसंद आई। संभव है कि दिल्ली के साथ साथ भोपाल में उनकी एकेडमिक सक्रियता बनी रहे। अमेरिका और ब्रिटेन में उच्च अध्ययन कर चुके वर्मा की खास रुचि के विषय फाइनेंस, टैक्सेशन, पब्लिक पॉलिसी, लॉ के अलावा पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन हैं।
वह कहते हैं कि मप्र में करीब सवा दो साल का कार्यकाल सुकूनदायक रहा। 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति है। विभाग प्रमुख के नाते काफी कुछ काम करने का मौका मिला। यहां ऊर्जावान, अफसरक र्मचारियों की सशक्त और सकारात्मक टीम के साथ के कई उल्लेखनीय काम भी हुए।
‘पीपुल्स समाचार’ से हुई अनौपचारिक चर्चा में उन्होंने बड़े संकोच के साथ भावी योजनाओं पर चर्चा की। साढ़े तीन दशक से ज्यादा के विभागीय कार्यकाल पर भी संतोष जताया। वह बताते हैं कि विभागीय मर्यादा और नियमों के दायरे में रहकर पब्लिक इंटरेस्ट के लिए काफी काम करने के अवसर मिले, उनसे संतुष्ट हूं। एचआर पॉलिसी पर फोकस कर स्टाफ को रुचि के काम सौंपने से सभी का बेस्ट परफार्मेंस मिला, क्वालिटी वर्क हुए। इस दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर में उल्लेखनीय काम दिखने लगे। इनमें विभाग की नई बिल्डिंग, आयकर भवन की छत पर मंडपम, चाणक्य विहार कालोनी में बदलाव और उज्जैन- रायपुर में गेस्ट हाउस निर्माण के अलावा शासकीय स्कीम के तहत उत्कृष्ट खिलाड़ियों की ज्वाइनिंग प्रमुख रहे। 1987 बैच के आईआरएस अधिकारी प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर वर्मा से चर्चा के प्रमुख अंश...