भोपाल। मध्यप्रदेश कॉडर में 384 आईएएस अफसर पदस्थ हैं। इनमें 156 के पास इंजीनियरिंग और 18 के पास डॉक्टरी की डिग्री है। कॉडर में कोई खनिज में विशेषज्ञ है तो कोई मिट्टी के मामले में विशेषज्ञता लिए है, लेकिन वरिष्ठ स्तर पर पहुंचने के बाद भी विभागों की जिम्मेदारी विशेषता के मान से नहीं मिल रही है। मंत्रालय में पदस्थ एसीएस, पीएस, सचिव और उप सचिव स्तर के अधिकारी पदस्थ हैं। इनमें अपवाद स्वरूप ही हैं जिन्हें डिग्री के मान से विभागों में पदस्थ किया गया है। इसको लेकर पूर्व आईएएस अफसरों का कहना है कि विशेषज्ञता के अनुसार विभाग नहीं मिलने से उन्हें समझने में ही कई माह लग जाते हैं। पीपुल्स समाचार ने कई ऐसे विभागों के अफसरों के बारे में जानकारी हासिल की जो जिन्हें डिग्री और विशेषज्ञता के मान से काम नहीं मिला है।
वरिष्ठ स्तर पर आईएएस अफसरों को डिग्री और विशेषज्ञता के अनुसार विभाग नहीं मिलने से सरकार के कामकाज पर सवाल तो उठते हैं। अगर तकनीकी विशेषज्ञता हासिल करने वाले को धार्मिक, सामाजिक जैसा विभाग मिलेगा तो उसे योजनाएं बनाने और क्रियान्वयन में समस्याएं तो आएंगी। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू केंद्र में अधिकारियों को उन्हीं विभागों में पदस्थ करते थे जो विभाग की विशेषज्ञता रखते थे। -अजय गंगवार, पूर्व आईएएस