Naresh Bhagoria
25 Nov 2025
जबलपुर। मप्र सरकार के लोक निर्माण विभाग के उस फैसले पर हाईकोर्ट ने कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसमें सड़कों की उम्र बढ़ाने के लिए बिटुमेन (अस्फाल्ट/डामर) अब सिर्फ देशी कंपनियों से खरीदने का निर्णय लिया गया था। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने मामले पर सरकार को नोटिस जारी करके जवाब पेश करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।
भोपाल की मे. बीपीएल पेट्रो केमिकल्स कंपनी की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि सड़कों और पुलों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले बिटुमेन की खरीदी व बिक्री वो पिछले दो दशकों से कर रही है। पूरे प्रदेश में बिटुमेन की सप्लाई के लिए उनके पास 15 कैरियर हैं। याचिका में कहा गया है कि मप्र सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव ने 8 सितंबर 2025 को नया आदेश जारी किया। इस आदेश के क्लॉज-7 में प्रावधान किया गया कि सड़क निर्माण से जुड़े सभी ठेकेदारों को बिटुमेन अब केवल देशी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल रिफाइनरियों से ही खरीदना होगा। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस आदेश के जरिए निजी कंपनियों से उत्पाद खरीदने पर सीधा प्रतिबंध लगा दिया गया, जो अवैधानिक है।
मामले पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत रूपराह ने डिवीजन बेंच को बताया कि खराब बिटुमेन का इस्तेमाल करने के कारण प्रदेश में बन रहीं सड़कें बहुत जल्दी खराब हो रहीं हैं। अब सरकार ने निर्णय लिया है कि सड़कों की उम्र बढ़ाने देशी कंपनियों से ही बिटुमेन खरीदा जाएगा। ऐसे में सरकार के इस फैसले को गलत नहीं ठहराया जा सकता। मामले पर गौर करके बेंच ने याचिकाकर्ता को कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार करके सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए।