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राष्ट्रीय मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी ज्ञानवापी मस्जिद

वाराणसी (उप्र)। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को कहा कि एएसआई की सर्वेक्षण रिपोर्ट से संकेत मिला है कि ज्ञानवापी मस्जिद वहां पहले से मौजूद एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी। एएसआई की रिपोर्ट की कॉपी गुरुवार शाम अदालत द्वारा संबंधित पक्षों को उपलब्ध करा दी गर्इं। जैन ने कहा कि रिपोर्ट में मंदिर के अस्तित्व के पर्याप्त सबूत मिलने की बात कही गई, जिस पर मस्जिद का निर्माण किया गया था। हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही कुछ कह सकेंगे। मंदिर होने के 32 सबूत मिले : रिपोर्ट में मंदिर होने के 32 सबूत मिले हैं। दीवारों पर कन्नड़, तेलुगु, देवनागरी और ग्रंथा भाषाओं में लिखा मिला है। भगवान शिव के 3 नाम – जनार्दन, रुद्र और ओमेश्वर भी मिले हैं। मस्जिद के सारे पिलर पहले मंदिर के थे, जिन्हें बदलकर कर मस्जिद में इस्तेमाल किया गया। मस्जिद की पश्चिमी दीवार मंदिर की दीवार है। यह दीवार नागर शैली में बनी है। दीवार के नीचे 1 हजार साल पुराने अवशेष भी मिले हैं।

हनुमान-गणेश की खंडित मूर्तियां मिलीं:

विष्णु शंकर जैन ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार मस्जिद का गुंबद 350 साल पुराना है। यहां हनुमान और गणेश की खंडित मूर्तियां भी मिली हैं। दीवार पर त्रिशूल की आकृतियां मौजूद हैं। एक तहखाने में भी हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं। मस्जिद में औरंगजेब काल का शिलापट भी मिला है। एएसआई ने जदुनाथ सरकार के निष्कर्ष पर भरोसा जताया है कि 2 सितंबर 1669 को मंदिर ढहा दिया गया था।

सर्वे में अमेरिकी वैज्ञानिक भी शामिल:

एएसआई ने सर्वे में ग्राउंड पेनिट्रेशन राडार (जीपीआर), वीडियोग्राफी, फोटोग्राफ से सर्वे किया था। जीपीआर रिपोर्ट तैयार करने में 30 दिन का समय लगा। इसे अमेरिका के जीपीआर सर्वे एक्सपर्ट ने तैयार किया है।

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