Aditi Rawat
21 Nov 2025
Aditi Rawat
21 Nov 2025
Mithilesh Yadav
21 Nov 2025
शाहजहांनाबाद स्थित बेगम कालीन गोलघर में अब फिर से रौनक नजर आने लगी है। अब यहां पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन भी किए जा रहे हैं। अब गोलघर को बहुआयामी कला केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा यहां पर लाइब्रेरी को स्थापित करने की योजना भी बनाई जा रही है। सोमवार को मप्र उर्दू अकादमी, मप्र संस्कृति परिषद् के तत्वावधान में गोलघर परिसर में आयोजित शाम-एसूफि याना में कव्वाल हाजी मुकर्रम वारसी ने प्रस्तुति दी।
उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत मन कुन्तो मौला... से की। इसके बाद गुरु दर्शन पेश किया। छाप तिलक सब छीनी..., फारसी में सूफियाना नमी दानम... और आखिर में दिले उम्मीद तोड़ा है किसी ने... की प्रस्तुति दी। गोलघर के रिनोवेशन के बाद मार्च में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्घाटन किया था। सोमवार को यहां पर भोपाली हाट का आयोजन भी किया गया।
आंत्रप्रेन्योर शाहीन खान ने बताया कि मुझे पहले से ही परफ्यूम बनाने का शौक था और घर के लिए खुद से ही परफ्यूम बनाती रहती थी। पिछले दो साल से इसी काम को प्रोफेशनल रूप से करने लगी। अब घर पर ही परफ्यूम बनाकर बेचती हूं और विभिन्न कार्यक्रमों में स्टॉल भी लगाती हूं।
वूमेन एजुकेशनल एम्पावरमेंट सोसायटी द्वारा कार्यक्रम में भोपाली हाट का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न प्रकार की सामग्री के 15 स्टॉल लगाए गए। इनमें बाघ प्रिंट, रेजन आर्ट के साथ ही अचार-पापड़ के स्टॉल भी शामिल थे। इस दौरान कपड़े पर जरदोजी के वर्क से तैयार किए गए उत्पादों में बैग, पर्स के साथ ही लेडीज ड्रेस शामिल रहीं।
गोलघर को बहुआयामी कला केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके बाद गोलघर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों के साथ ही एग्जीबिशन के आयोजन भी हो सकेंगे। साथ ही गोलघर के परिसर में एक संग्रहालय और अनुसंधान केंद्र बनाया जाएगा। यहां पर पुस्तकालय को स्थापित करने की योजना भी बनाई जा रही है। - डॉ. अहमद अली, प्रभारी, गोलघर म्यूजियम