Manisha Dhanwani
22 Dec 2025
शहर के बायपास क्षेत्र की कॉलोनियों में तेंदुए का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है। सहारा सिटी सहित आसपास की कई कॉलोनियों में लोग दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं। डर के कारण रहवासी घरों में कैद होकर रह गए हैं, जबकि तेंदुआ बेखौफ रहवासी इलाकों में घूम रहा है। वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए दो पिंजरे लगाए हैं, लेकिन कई दिनों की मशक्कत के बाद भी पिंजरे खाली पड़े हैं।
बायपास की कॉलोनियों में बढ़ते वन्यजीव खतरे का खुलासा किया था। इसके बाद तेंदुए की मूवमेंट की पुष्टि हुई। सूचना मिलने पर वन विभाग ने सहारा सिटी क्षेत्र में पिंजरा लगाया था, जिसमें एक तेंदुआ पकड़ा गया, लेकिन उसकी मादा साथी अब तक पकड़ से बाहर है। इसी वजह से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है।
वन विभाग की टीमें तेंदुए की गतिविधियों के आधार पर पिंजरों को रोजाना अलग-अलग स्थानों पर शिफ्ट कर रही हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली। स्थानीय रहवासियों के अनुसार, सोमवार सुबह तेंदुए को सहारा सिटी की ओर घूमते हुए देखा गया, जो कुछ देर बाद दूसरी दिशा में निकल गया। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम फिर मौके पर पहुंची और पिंजरे शिफ्ट करने की रणनीति बनाई जा रही है।
तेंदुए को पकड़ने के लिए लगाए गए दोनों पिंजरों में शिकार का लालच देने के उद्देश्य से मुर्गा रखा गया है, लेकिन यह तरीका पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबिक, तेंदुए को मुर्गा ज्यादा पसंद नहीं होता। आमतौर पर कुत्ता या बकरी तेंदुए का पसंदीदा शिकार होता है।
हालात यह हैं कि तेंदुआ पिंजरों के आसपास से गुजर तो रहा है, लेकिन मुर्गे के लालच में पिंजरे के भीतर नहीं जा रहा। बावजूद इसके, वन विभाग ने अब तक शिकार बदलने या रणनीति मजबूत करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। तेंदुए द्वारा किसी पर हमला होने से पहले उसे पकड़ना बेहद जरूरी है, लेकिन विभाग की कार्रवाई सवालों के घेरे में है।
बायपास क्षेत्र की कॉलोनियों और आसपास के इलाकों में तेंदुए की मूवमेंट से हजारों लोग भय के माहौल में जी रहे हैं। इसके बावजूद वन मंडलाधिकारी और उप वन मंडलाधिकारी की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। तेंदुए की सटीक मूवमेंट को लेकर अफसर जानकारी देने से भी कतराते नजर आ रहे हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि रहवासी क्षेत्र में तेंदुआ पहले ही जानवरों का शिकार कर चुका है, फिर भी वन विभाग ने अब तक अभियान को तेज नहीं किया है। तेंदुआ खुलेआम घूम रहा है और अफसरों की सुस्ती किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकती है।
अब सवाल यह है कि क्या वन विभाग किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है? या फिर तेंदुए की दहशत यूं ही लोगों को घरों में कैद रखेगी?