Aniruddh Singh
15 Sep 2025
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Mithilesh Yadav
14 Sep 2025
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भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान लाड़ली बहना योजना, किसान सम्मान निधि, एमएसपी और सस्ता गैस सिलेंडर जैसी घोषणाओं के चलते पांचवीं बार प्रचंड बहुमत सत्ता में लौटी भाजपा सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती बजट जुटाने की रहेगी। प्रदेश के तीन पूर्व वित्तमंत्रियों का कहना है कि सरकार की आमदनी की तुलना में खर्च की स्थिति बहुत ज्यादा हैं। उसे पहली प्राथमिकता से रेवेन्यू के नए स्त्रोत भी ढूंढने होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि लाड़ली बहना योजना के तहत एक करोड़ 32 लाख से अधिक महिलाओं को हर महीने दिए जा रहे 1250 रुपए को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर तीन हजार रुपए तक करेंगे। लेकिन सरकार की वित्तीय स्थिति फिलहाल खर्चे का यह बड़ा भारी बोझ उठाने की स्थिति में नहीं है। प्रदेश सरकार पर कर्ज उसके सालाना बजट से भी ज्यादा अर्थात लगभग पौने चार लाख करोड़ तक पहुंच गया है।
प्रदेश के वित्तमंत्री रहे वरिष्ठ भाजपा नेता जयंत मलैया का कहना है कि सरकार के सामने कर्मचारियों का वेतन, पेंशन, कर्ज पर दिए जाने वाला ब्याज और मूल रकम की किस्त देना स्थायी खर्च हैं। ऐसी स्थिति में लाड़ली बहना, किसान सम्मान निधि, सस्ता सिलेंडर आदि पर होने वाला खर्च मैनेज करना चुनौतीपूर्ण होगा। आय बढ़ेगी तभी लाड़ली की राशि बढ़ेगी। वित्तीय प्रबंधन के लिए आय के स्त्रोत जुटाने होंगे।
पूर्व वित्तमंत्री राघवजी भाई का मानना है कि मौजूदा स्थिति में लाड़ली बहना योजना की राशि अधिकतम 1500 रुपए ही कर पाएंगे। 450 रुपए का सिलेंडर देने का दबाव भी रहेगा। लाड़लियों को 3 हजार रु. देना संभव ही नहीं। उनका मानना है कि मूलधन की किस्त के अलावा 22-25 हजार करोड़ रुपए तो कर्ज का ब्याज देना होता है। सरकार की आमदनी पेट्रोल-डीजल पर वेट, स्टाम्प ड्यूटी, आबकारी और माइनिंग से ही है।
कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में वित्तमंत्री रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता तरुण भनोत का कहना है कि प्रदेश पर पौने 4 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज है। मप्र देश का ऐसा राज्य है जिसका कर्ज उसके बजट से भी ज्यादा है। सरकार अपनी असल आय नहीं बताती, 27 हजार करोड़ तो ब्याज ही लगता है। भनोत ने कहा कि केंद्र सरकार मप्र को विशेष राज्य का दर्जा देकर विशेष पैकेज दे तभी प्रदेश के बाशिंदों को राहत मिलेगी।
राज्य की आमदनी और वित्तीय संसाधन बहुत सीमित हैं। चुनाव के दौरान भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में महिला, किसान और अन्य वर्गों के लिए जो घोषणाएं की हैं उन्हें जमीन पर उतारना नई सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। सीएम ने लाड़ली बहनों को दी जाने वाली राशि बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रतिमाह तक का ऐलान किया है। पूर्व वित्तमंत्रियों का कहना है कि फिलहाल यह घोषणा असंभव है।
(इनपुट-राजीव सोनी)