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इंदौर पुलिस की गिरफ्त में ड्रग आंटी का बेटा, गुप्त स्थान पर की जा रही पूछताछ; कुछ दिन पहले दिल्ली क्राइम ब्रांच ने किया था गिरफ्तार

हेमंत नागले, इंदौर। नशे का व्यापार करने वाली ड्रग आंटी उर्फ प्रीति जैन के बेटे यश जैन को इंदौर पुलिस रिमांड पर दिल्ली से ले आई है। कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस ने यश को गिरफ्तार किया था। यश पर 20 हजार का इनाम घोषित था। यश को इंदौर के किसी गुप्त स्थान पर रखा गया है, जहां पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

कोकीन का व्यापार कर रहे थे मां-बेटे

बता दें कि, शहर में ड्रग माफिया लगातार सक्रिय हो रहे हैं और पुलिस यश से इससे जुड़ी अन्य जानकारी भी जुटाएगी। यश जैन और प्रीति जैन इंदौर में लंबे समय से कोकीन का व्यापार कर रहे थे। इस व्यापार में उन्होंने कई विदेशी महिलाओं को अपने गिरोह में जोड़कर रखा था। यश इंदौर सहित कहां-कहां पर कोकीन की सप्लाई करता था और उसके इंदौर में कितने सदस्य हैं जो वर्तमान में भी सक्रिय है। पुलिस इस बारे में विस्तृत जानकारी जुटा रही है।

हथियारों का भी शौकीन है आरोपी

साल 2020 में पूरा मामला सामने आने के बाद इंदौर पुलिस ने यश को गिरफ्तार करने के लिए प्रदेश के कई शहरों में छापेमारी की थी। लेकिन आरोपी यश फरार हो गया। बताया जा रहा है कि, आरोपी यश हथियारों का भी शौकीन है और इंदौर के आसपास पर्यटक स्थलों पर भी कोकीन सप्लाई करता था।

वहीं प्रीति जैन एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों से किसी नाइजीरियन से ड्रग खरीद कर इंदौर लाती थी और यहां पर सप्लाई करती थी। वहीं अब पुलिस यश से पूछताछ करेगी कि, उसने इंदौर के आसपास किन-किन इलाकों में अब तक ड्रग्स की सप्लाई की है।

क्या है मामला ?

जानकारी के मुताबिक, 2 साल पहले इंदौर के पॉश इलाके विजय नगर के 71 नंबर स्कीम से ड्रग सप्लाई करने वाली प्रीति जैन उर्फ गोल्डन क्वीन को पुलिस ने कई युवक-युवतियों के साथ गिरफ्तार किया था। प्रीति जैन स्कीम 78 स्थित एक बंगले को किराए पर लेकर उसमें कई नौजवानों को कोकीन सप्लाई करती थी। बता दें कि, बंगला एक रिटायर ऑफिसर का था। इस कारण से पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। लेकिन पुलिस को भनक लगते ही उसमें जब छापेमार कार्रवाई की गई तो वहां कई आपत्तिजनक चीजें बरामद हुईं।

बेटे को पायलट बनाना चाहती थी प्रीति

2 वर्ष पूर्व जब ड्रग आंटी प्रीति जैन पुलिस की गिरफ्त में आई थी तो उसने बताया था कि वह पुणे की रहने वाली है। उसने अंग्रेजी में एमए कर रखा था। अंग्रेजी, हिंदी के साथ-साथ मराठी भाषा की उसे अच्छी जानकारी थी। उसकी शादी धार के कुक्षी में हुई थी। उसके बड़े सपने थे, लेकिन पति से विवाद के बाद उसने पति को छोड़ दिया था। फिर वह अपने बेटे के भविष्य के लिए इंदौर में आकर रहने लगी। इंदौर में वह अपने बेटे को पायलट बनाना चाहती थी। इंदौर आने के बाद उसकी पहचान ऋचा नाम की युवती से हुई थी। जहां पर ऋचा ने उसे जल्द रुपए कमाने के लिए ट्रक का कारोबार करने की सलाह दी और वह ड्रग कांटी बन गई। जिसके बाद इंदौर में उसने अपना नशे का कारोबार फैलाना शुरू करा।

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दिन में प्रॉपर्टी के काम और रात में ड्रग्स की सप्लाई

ड्रग लेडी ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए थे। पति दीपक को छोड़कर बेटे यश को लेकर प्रीति इंदौर आ गई थी। जिसके बाद उसने कारोबार में अपनी पकड़ बनाना शुरू कर दिया था। विजयनगर स्थित एक मॉल में रियल स्टेट कंपनी में बतौर पार्टनर के रूप में उसने रियल स्टेट का काम शुरू करा। वहीं उसने विजयनगर के 78 नाम व्हिस्की में रिटायर आईएएस का मकान किराए पर ले लिया, जो कि शहर से बाहर रहते थे। दिन में प्रॉपर्टी का काम और रात में कोकीन की सप्लाई करती थी। जहां से उसका कारोबार फल-फूल रहा था।

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