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इंदौर : गोल्डन क्वीन के नाम से फेमस ड्रग आंटी का बेटा दिल्ली क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में, 20 हजार का इनाम घोषित था

हेमंत नागले, इंदौर। दो सालों से इंदौर में गिरफ्तार गोल्डन क्वीन और ड्रग आंटी के नाम से फेमस प्रीति जैन के बेटे यश जैन को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। यश पर 20 हजार का इनाम घोषित था। वह इंदौर में लंबे समय से कोकीन सप्लाई करता था। इस पूरे काम में प्रीति जैन उसके साथ लिप्त थी। प्रीति जैन को विजय नगर पुलिस द्वारा पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। यश की लंबे समय से तलाश थी, जिसे अब दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया है।

क्या है मामला ?

जानकारी के मुताबिक, 2 साल पहले इंदौर के पॉश इलाके विजय नगर के 71 नंबर स्कीम से ड्रग सप्लाई करने वाली प्रीति जैन उर्फ गोल्डन क्वीन को पुलिस ने कई युवक-युवतियों के साथ गिरफ्तार किया था। प्रीति जैन स्कीम 78 स्थित एक बंगले को किराए पर लेकर उसमें कई नौजवानों को कोकीन सप्लाई करती थी। बता दें कि बंगला एक रिटायर ऑफिसर का था। इस कारण से पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। लेकिन पुलिस को भनक लगते ही उसमें जब छापामार कार्रवाई की गई तो उसमें कई आपत्ति चीजें बरामद हुई थी।

बेटे को पायलट बनाना चाहती थी प्रीति

2 वर्ष पूर्व जब ड्रग आंटी प्रीति जैन पुलिस की गिरफ्त में आई थी तो उसने बताया था कि वह पुणे की रहने वाली है। उसने अंग्रेजी में एमए कर रखा था। अंग्रेजी, हिंदी के साथ-साथ मराठी भाषा की उसे अच्छी जानकारी थी। उसकी शादी धार के कुक्षी में हुई थी। उसके बड़े सपने थे, लेकिन पति से विवाद के बाद उसने पति को छोड़ दिया था। फिर वह अपने बेटे के भविष्य के लिए इंदौर में आकर रहने लगी। इंदौर में वह अपने बेटे को पायलट बनाना चाहती थी। इंदौर आने के बाद उसकी पहचान ऋचा नाम की युवती से हुई थी। जहां पर ऋचा ने उसे जल्द रुपए कमाने के लिए ट्रक का कारोबार करने की सलाह दी और वह ड्रग कांटी बन गई। जिसके बाद इंदौर में उसने अपना नशे का कारोबार फैलाना शुरू करा।

दिन में प्रॉपर्टी के काम और रात में ड्रग्स की सप्लाई

ड्रग लेडी ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए थे। पति दीपक को छोड़कर बेटे यश को लेकर प्रीति इंदौर आ गई थी। जिसके बाद उसने कारोबार में अपनी पकड़ बनाना शुरू कर दिया था। विजयनगर स्थित एक मॉल में रियल स्टेट कंपनी में बतौर पार्टनर के रूप में उसने रियल स्टेट का काम शुरू करा। वहीं उसने विजयनगर के 78 नाम व्हिस्की में रिटायर आईएएस का मकान किराए पर ले लिया, जो कि शहर से बाहर रहते थे। दिन में प्रॉपर्टी का काम और रात में कोकीन की सप्लाई करती थी। जहां से उसका कारोबार फल-फूल रहा था।

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