Shivani Gupta
26 Sep 2025
मंडला। मध्य प्रदेश के मंडला में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) की टीम ने मंडला के जिला प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर (डीपीसी) अरविंद विश्वकर्मा को उनकी पत्नी के साथ उस समय पकड़ा, जब वे एक स्कूल संचालक से रिश्वत की दूसरी किस्त ले रहे थे। इस मामले में एक सहायक परियोजना समन्वयक (एपीसी) को भी सह-आरोपी बनाया गया है।
EOW के मुताबिक अरविंद विश्वकर्मा ने विद्या निकेतन स्कूल को मान्यता देने के लिए स्कूल संचालक रविकांत नंदा से 1 लाख 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। स्कूल का काम अधूरा होने के कारण उसकी मान्यता रद्द हो गई थी। इसलिए अरविंद मान्यता नवीनीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए यह रिश्वत मांग रहा था। स्कूल संचालक ने पहली किस्त के तौर पर 50 हजार रुपए पहले ही दे दिए थे।
जब इस घटना की शिकायत EOW को मिली तो टीम ने जाल बिछाया। स्कूल संचालक रविकांत नंदा को दूसरी किस्त के 60 हजार रुपए देने के लिए बिंझिया स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप पर बुलाया गया। जब गुरुवार सुबह नंदा ने पैसे का लिफाफा अरविंद को दिया, तो उन्होंने अपनी पत्नी को पैसे लेने के लिए कहा। जैसे ही उनकी पत्नी ने लिफाफा पकड़ा। तभी EOW की टीम ने दोनों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि, डीएसपी स्वर्ण जीत सिंह धामी के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। मामले में EOW टीम के द्वारा पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में कार्रवाई की जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया है।